UPPSC RO ARO Exam: कड़ी निगरानी में परीक्षा संपन्न, 4,54,997 अभ्यर्थी हुए शामिल, अयोध्या में सबसे अधिक उपस्थिति
UPPSC की समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की प्रारंभिक परीक्षा 2023 का आयोजन पारदर्शी ढंग से संपन्न हुआ. 75 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिसमें लगभग 4,55,000 अभ्यर्थियों ने भाग लिया. अयोध्या में सर्वाधिक उपस्थिति दर्ज की गई.
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) प्रारंभिक परीक्षा-2023 रविवार को सकुशल, निर्विघ्न और शुचितापूर्ण तरीके से संपन्न हो गई. योगी सरकार और UPPSC द्वारा परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने के इस बार कई ठोस कदम उठाए गए थे. साथ ही सरकार की तरफ से परीक्षार्थियों को सेंटर तक पहुंचाने के लिए भी व्यवस्था थी.
यह पहली बार था जब यूपी के सभी 75 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. कई जिलों में खराब मौसम और बारिश के बाद भी आज आरओ/एआरओ परीक्षा में बड़ी संख्या में परीक्षार्थी शामिल हुए. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने बताया कि इस परीक्षा में 10,76,004 आवेदन किए थे, जिनमें से 4,54,997 (42.29 प्रतिशत) अभ्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए.
अयोध्या में सबसे ज्यादा अभ्यार्थी शामिल हुए
आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए प्रदेश भर में 2382 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. परीक्षा के लिए कानपुर में सर्वाधिक 139, लखनऊ में 129 और प्रयागराज में 106 परीक्षा केंद्र बनाए गए. प्रयागराज में इस परीक्षा में 47.61 प्रतिशत परीक्षार्थियों शामिल हुए. अयोध्या में सर्वाधिक 52.81 प्रतिशत, जबकि रामपुर में सबसे कम 25.78 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है. लखनऊ में 48.89 प्रतिशत, कानपुर में 44.37 प्रतिशत, वाराणसी में 49.19 प्रतिशत अभ्यर्थियों की उपस्थिति दर्ज की गई है.
AI से निगरानी से नकल मुक्त हुई परीक्षा
परीक्षा की शुचिता को बनाए रखने के लिए योगी सरकार और आयोग द्वारा किए गए प्रयासों से परीक्षा सकुशल और नकल विहीन सम्पन्न हुई. परीक्षा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजामों में एआई आधारित अलर्ट सिस्टम, सीसीटीवी स्ट्रीमिंग, बायोमेट्रिक सत्यापन और एसटीएफ की कड़ी निगरानी शामिल रही. परिमाण स्वरूप प्रदेश में कहीं से भी किसी प्रकार की अनियमितता की घटना सामने नहीं आई जिससे एक बार फिर प्रदेश की परीक्षा प्रणाली की साख और मजबूत हुई.
पहचान और प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह फूल प्रूफ
आयोग की तरफ से अभ्यर्थियों की पहचान और प्रवेश प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित बनाया गया. केंद्र आवंटन कंप्यूटर रैंडमाइजेशन से किया गया, ताकि पक्षपात की कोई संभावना न रहे. ई-प्रवेश पत्र को वन टाइम रजिस्ट्रेशन आधारित आठ स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया से जोड़ा गया, जिसमें अभ्यर्थी का नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, श्रेणी, हाईस्कूल वर्ष और रोल नंबर जैसे बिंदु शामिल थे.
प्रवेश द्वार पर बायोमेट्रिक सत्यापन और फेस रिकग्निशन तकनीक से पहचान सुनिश्चित की गई. डबल लेयर फ्रिस्किंग की जिम्मेदारी पुलिस बल और कार्यदायी संस्था ने साझा रूप से निभाई, जिससे कोई निषिद्ध सामग्री अंदर नहीं ले जाई जा सकी. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर पूर्ण प्रतिबंध रहा और एआई आधारित अलर्ट सिस्टम ने किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत चेतावनी दी.