न रोड-टैक्स… न रजिस्ट्रेशन फीस, यूपी में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों की 2027 तक बल्ले-बल्ले
उत्तर प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में 100 प्रतिशत की छूट देने का फैसला किया है. सरकार का यह फैसला 14 अक्टूबर 2025 से 13 अक्टूबर 2027 तक लागू रहेगा. इसके लिए पिछले 22 दिनों में जिसने में इन वाहनों की खरीद पर रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स दिया है, वह रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं.
योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब प्रदेश में खरीदे जाने वाले शुद्ध इलेक्ट्रिक वाहनों पर रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स में पूरे 100 प्रतिशत की छूट मिलेगी. सरकार का यह फैसला अक्टूबर 2027 तक लागू रहेगा.
पॉल्यूशन को कंट्रोल करने में मिलेगी मदद
इस फैसले का ऐलान करते हुए परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि इससे पॉल्यूशन को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. यह स्वच्छ गतिशीलता की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है. इलेक्ट्रिक वाहन ही परिवहन का मुख्य आधार साबित होंगे.
भविष्य के वाहन साबित होंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल
दयाशंकर सिंह ने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन ही भविष्य के परिवहन साबित होंगे. ईंधन से चलने वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए हमने यह फैसला लिया है. सरकार के प्रयासों ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 को और मजबूत बनाया है.
इस अंतराल में खरीदे वाहनों पर मिलेगी छूट
बता दें इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर इस नीति को उत्तर प्रदेश अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने 14 अक्टूबर 2022 को लागू किया गया था. हाल ही में उच्च स्तरीय प्राधिकृत इलेक्ट्रिक समिति की बैठक में इसमें संशोधन किया गया. इसके तहत नीति के चौथे और पांचवें वर्ष (14 अक्टूबर 2025 से 13 अक्टूबर 2027 तक) में खरीदे गए केवल शुद्ध विद्युत वाहनों पर पूर्ण छूट का प्रावधान जोड़ा गया.
इन 22 दिनों के बीच दिया है टैक्स तो सरकार करेगी रिफंड
अगर किसी ने 14 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस दिया तो इसके रिफंड के लिए वह एआरटीओ कार्यालय में प्रत्यावेदन दे सकता है. अब तक प्रदेश में 10 लाख रुपये तक का इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर 9 प्रतिशत. वहीं, 10 लाख रुपये से अधिक के वाहन पर 11 प्रतिशत रोड टैक्स देना पड़ रहा था. साथ ही दोपहिया वाहन स्वामियों को 300 और चार पहिया वाहन स्वामियों से 600 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस भी लिया जा रहा था.
