ग्रेटर नोएडा में फिर दौड़ेंगी फॉर्मूला वन कारें, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पहुंचे जापानी डेलिगेट्स

बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर सबसे पहले 2011 में मोटो जीपी का रेस हुआ था. फिर 2013 में एफ 1 रेस का आयोजन किया गया था. उसके बाद यहां कोई भी फार्मूला रेस आयोजित नहीं हुआ. लेकिन एक बार फिर बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर एफ1 की कारें दौड़ती हुई नजर आ सकती हैं.

ग्रेटर नोएडा में होगी फार्मूला वन रेस( प्रतीकात्मक तस्वीर)

बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर फिर से फार्मूला वन रेस की वापसी हो सकती है. साल 2013 में फॉर्मूला वन सर्किट का आयोजन हुआ था. अब यमुना विकास प्राधिकरण फिर से यहां फॉर्मूला वन रेसिंग के आयोजन के लिए प्रयास कर रहा है. इसके लिए जापान रेस प्रमोशन कॉरपोरेशन (जीआरसी) के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार यानी 06 नवंबर को निरीक्षण भी किया.

गुरुवार को जापान प्रमोशन कॉरपोरेशन की टीम में अध्यक्ष योशिहिसा उएनो, तकनीकी संचालक टाकुया होरी, कॉर्पोरेट स्ट्रैटेजी विभाग के जीएम ताकाशी मात्सुई और मार्केटिंग विभाग से गेन्की मियुरा यमुना प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचे. इस दौरान जापान प्रमोशन कॉरपोरेशन की टीम ने यमुना प्राधिकरण के सीइओ सीईओ राकेश कुमार सिंह, एसीईओ नगेंद्र प्रताप सिंह और ओएसडी शैलेंद्र भाटिया मुलाकात की.

अब तक जापान में ही होता आया है इस रेस का आयोजन

जापान की सुपर फॉर्मूला रेस अब तक उनके देश में ही आयोजित होती आई है. इस साल नवंबर में होने वाले रेस का भी आयोजन जापान में होने वाला है. लेकिन अब जापान प्रमोशन कॉरपोरेशन अपने देश से बाहर भी इस रेस का आयोजन कराने के बारे में सोच रही है. ऐसे में उनकी टीम इसके लिए ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनस सर्किट को भी तरजीह दे रही है.

2013 के बाद नहीं हो पाया किसी रेस का आयोजन

बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर सबसे पहले 2011 में मोटो जीपी का रेस हुआ था. फिर 2013 में एफ 1 रेस का आयोजन किया गया था. लेकिन उसके बाद से यहां किसी भी तरह के रेस का आयोजन नहीं हो पाया. करोड़ों की लागत से बने इस एफ वन सर्किट का सही इस्तेमाल नहीं होने को लेकर सरोजनी नगर से विधायक डा. राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर एक कमेटी गठित करने का आग्रह किया था.

दूनिया की दूसरी सबसे तेज रेस

बता दें फॉर्मूला वन के बाद जापान की सुपर फार्मूला रेस की गिनती दुनिया की दूसरी सबसे तेज रेस के तौर पर की जाती है. यह एशिया का सबसे तेज रेस माना जाता है. यह फार्मूला रेस ओपन-व्हील रेसिंग सीरीज पर आधारित है. इस रेस में 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के कारें दौड़ती हैं. सीरीज में सभी कार एक जैसी डालारा एसएफ23 चेसिस का इस्तेमाल करती हैं. इन कारों में होंडा या टोयोटा के इंजन लगे होते हैं और योकोहामा टायर का इस्तेमाल होता है.