सहारा शहर की जमीन पर बनेगा UP का नया विधानसभा! लंबे वक्त से थी जगह की तलाश
उत्तर प्रदेश सरकार नए विधानसभा भवन के लिए लंबे समय से जमीन की तलाश कर रही है. लेकिन अब तक इस जमीन की खोज पूरी नहीं हो सकी है. हाल ही में नगर निगम ने सहारा सिटी के जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है. माना जा रहा है इस जमीन पर सरकार नए विधानसभा भवन को बनाने का फैसला कर सकती है.

सहारा की 170 एकड़ जमीन जो कई सालों से कानूनी विवादों में उलझी रही फिर से चर्चा में है. लखनऊ नगर निगम ने इस जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है. इसके बाद से ही इस जमीन पर उत्तर प्रदेश की नई विधानसभा बनने की चर्चाएं तेज हो गई है. सूत्रों के मुताबिक सरकार लंबे समय से नए विधानसभा भवन के लिए करीब 200 एकड़ जमीन की तलाश कर रही थी. ऐसे में सहारा की जमीन अपने विशाल क्षेत्रफल के चलते सबसे उपयुक्त मानी जा रही है.
साल 1995 में लखनऊ नगर निगम ने सहारा हाउसिंग कंपनी को गोमती नगर में 130 एकड़ जमीन आवासीय योजना और 40 एकड़ ग्रीन बेल्ट विकसित करने के लिए 30 साल की लीज पर दी थी. यह अनुबंध मात्र 100 रुपये के स्टांप पेपर पर हुआ था, लेकिन तीन साल बाद ही लीज शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए तत्कालीन नगर आयुक्त दिवाकर त्रिपाठी ने इसे रद्द करने का नोटिस जारी कर दिया. इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा और 27 साल तक यह केस चलता रहा.
लंबे समय से विवादों में फंसी थी ये जमीन
एक दशक पहले सहारा ने इस लीज को फिर से रजिस्टर करवाया और संशोधन भी करवाया. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में योजना का मानचित्र पास करने की प्रक्रिया शुरू हुई. सहारा ने 15 आवंटियों की सूची भी प्रस्तुत की, लेकिन ये आवंटी कभी सामने नहीं आए और न ही उनके नाम पर लीज डीड हो सकी. सेबी के हस्तक्षेप और अन्य कानूनी उलझनों के चलते यह आवासीय योजना पूरी तरह ठप हो गई. लीज की अवधि समाप्त होने के बाद नगर निगम ने इस जमीन पर कब्जा ले लिया.
लोकेशन और आवागमन के लिहाज से सबसे बेहतर
सहारा शहर की 170 एकड़ जमीन और पास में एलडीए की 75 एकड़ जमीन को मिलाकर कुल 245 एकड़ का क्षेत्र उपलब्ध है यह जगह गोमती नगर में होने के कारण लोकेशन और आवागमन के लिहाज से भी सबसे बेहतर मानी जा रही है. इस जमीन पर नया विधानसभा भवन बनने से न केवल लखनऊ का कायाकल्प होगा, बल्कि यह क्षेत्र प्रशासनिक और राजनीतिक गतिविधियों का नया केंद्र भी बन सकता है.
अधिकारियों ने क्या बताया?
लखनऊ के नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कहा, लीज की अवधि समाप्त होने के बाद नगर निगम ने सहारा शहर की जमीन पर कब्जा ले लिया है. अब इस जमीन का भविष्य सरकार के निर्देशों पर निर्भर करेगा. जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसका पालन किया जाएगा.