दालमंडी में दूसरी दुकान टूटी, 95 साल पुरानी चौरसिया पान भंडार ध्वस्त; मस्जिद को लेकर बढ़ा तनाव
वाराणसी की दालमंडी में चौड़ीकरण को लेकर व्यापारियों में खलबली है. इस बीच एक और दुकान पर PWD का हथौड़ा चला है. दालमंडी में स्थित 95 साल पुरानी चौरसिया पान भंडार ध्वस्त कर दी गई. इस अभियान में कई मस्जिदें भी जद में हैं. एक मस्जिद के मुजावर ने मस्जिदों को छूने पर 'जिहाद' की चेतावनी दी है.
वाराणसी में पूर्वांचल के सबसे बड़ी होलसेल मार्किट दालमंडी में चौड़ीकरण अभियान तेज कर दी गई है. PWD के कर्मचारियों ने शनिवार को एक और दुकान को ध्वस्त कर दिया है. 1930 की चौरसिया पान भंडार अब चौक में नहीं दिखेगी. दालमंडी के चौड़ीकरण अभियान में ये दुकान भी ध्वस्त कर दिया गया. चौरसिया परिवार की तीसरी पीढ़ी दुकान संभाल रही थी.
यह दुकान कुल 25 स्क्वायर फीट में है, इसके लिए प्रशासन की तरफ से 2.80 लाख रुपये मुआवजा दिया गया है. विजय प्रसाद चौरसिया और मोहन प्रसाद चौरसिया दोनों भाई पान की ये दुकान संभाल रहे थे. इनमें से एक भाई की मौत हो गई थी. परिवार के एक सदस्य अभिषेक चौरसिया ने बताया कि सब कुछ आपसी सहमति से ही हुआ है. कोई शिकायत नहीं है.
लोगों का मांग- दुकान के बदले दुकान चाहिए
अभिषेक चौरसिया ने कहा कि शहर के डेवलपमेंट के लिए चूंकि ये जरूरी है. हमारा परिवार बीजेपी का समर्थक रहा है. हमें मुआवजा मिल गया है और हमें कोई दिक्क़त नहीं है. लेकिन दूसरे दुकानदार इस कार्रवाई से डरे हुए हैं. बगल में मोबाइल एसेसरीज की दुकान चलाने वाले कहते हैं कि अब दूसरे दुकान में भी हाथ लग गया है अब बहुत मुश्किल हो गई है.
मोबाइल एसेसरीज के दुकानदार का कहना है कि हमारी मांग अभी भी वही है कि हमें दुकान के बदले दुकान चाहिए. पहली दुकान राकेश कलर लैब चौड़ीकरण की भेंट चढ़ा था. इस दुकान के मालिक को 15 लाख रुपये मुआवजे के रूप में दिए गए थे. PWD ने दालमंडी चौड़ीकरण के जद में आने वाले कुल 187 दुकान और मकानों को चिह्नित किया है.
मस्जिद को हाथ लगाई गई तो जिहाद होगा!
दालमंडी के चौड़ीकरण की जद में आधा दर्जन मस्जिदें भी आ रही हैं. दालमंडी की एक ऐसी ही मस्जिद करिमुल्लाह बेग है. जिसके मुजावर बाबू जान दुखी भी हैं. वो कहते हैं कि लोगों ने मस्जिदों को बचाने के लिए प्रशासन से मदद मांगी है. अपनी मस्जिद बचाने के लिए गोली खानी पड़े तो खाएंगे. जिहाद करना होगा तो करेंगे लेकिन अपनी मस्जिद बचाएंगे.
उन्होंने कहा कि चौड़ीकरण करने का ये कौन सा तरीका है कि न आप दिन देख रहे हैं न रात. आपकी जब मर्जी हो रही है आप चले आ रहे हैं. सबकी बेटियां और बहुएं घरों में है और आपको ज़रा सा भी इस बात का इल्म नहीं है. मार्केट तो अब तबाह हो ही चुका है अब देखते हैं कि क्या रास्ता निकलता है. लेकिन इतना तो तय है कि अपनी मस्जिद हम नहीं देंगे.
