सिखों पर दिए बयान से बढ़ीं राहुल गांधी की मुश्किलें… MP- MLA कोर्ट ने दिए ये आदेश

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आए दिन किसी न किसी कोर्ट से तस्वीरें सामने आती रहती हैं. तो वहीं एक बार फिर उनकी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. ताजा मामला सिख समुदाय को लेकर अमरिका में दिए गए उनके भाषण को लेकर है. एमपी- एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को अवर न्यायालय से मिलने वाली राहत पर रोक लगा दी.

राहुल गांधी(फाइल फोटो)

राहुल गांधी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं. मामला अमरीका में दिए गए उनके भाषण को लेकर है, जहां उन्होंने सिख समुदाय को लेकर कुछ ऐसी बातें कही थीं, जिसे विवादित माना गया. एमपी एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को अवर न्यायालय से मिली राहत खारिज कर दी. इसके साथ ही कोर्ट ने अवर न्यायालय को नागेश्वर मिश्रा के प्रार्थनापत्र पर सुनवाई के आदेश दिए.

MP- MLA कोर्ट ने दिए ये आदेश

वाराणसी के MP- MLA कोर्ट ने राहुल गांधी को अवर न्यायालय से मिली राहत को खारिज करते हुए ये आदेश दिया है कि अवर न्यायालय नागेश्वर मिश्र की याचिका पर सुनवाई करे. आपको बता दें कि इस मामले को लेकर अवर न्यायलय ने 28 नवंबर 2024 को नागेश्वर मिश्र की अर्जी खारिज कर दी थी. याचिकाकर्ता ने इस फैसले के ख़िलाफ MP- MLA कोर्ट का रूख किया. कोर्ट ने उसकी याचिका को महत्वपूर्ण बताते हुए सुनवाई करने की बात कही.

एकता- अखंडता के लिए भी खतरा

नागेश्वर मिश्र ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ख़िलाफ अवर न्यायालय में याचिका दायर की थी. उनका आरोप था कि राहुल गांधी ने सिख धर्म के ख़िलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसे ख़ालिस्तानी आतंकी पन्नू ने भी उचित ठहराया है. इससे देश की एकता अखंडता के लिए खतरा पैदा हो सकता है.

इस मामले पर अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने कहा कि इस फैसले के बाद अब राहुल गांधी के बयान पर कोर्ट सुनवाई करेगा और अपना फैसला सुनाएगा. उनका कहना है अगर आरोप सही पाए गए, तो फिर राहुल गांधी के ख़िलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है जिसमें दस साल तक की सज़ा का भी प्रावधान है. कुल मिलाकर अब राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

क्या कहा था राहुल गांधी ने

पिछले साल यानी सितंबर 2024 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका का दौरा किया था. वहां उन्होंने बातचीत करते हुए भारत में रहने वाले सिखों को लेकर कहा था कि उनके लिए वहां अच्छा माहौल नहीं है. इसी बयान के आधार पर तिलमापुर, सारनाथ के रहने वाले नागेश्वर मिश्र ने उनके खिलाफ याचिका दायर की थी.