18 सदस्यीय बोर्ड, 20 लाख से अधिक खर्च के लिए सरकार की अनुमति; बांके बिहारी मंदिर न्यास के ड्राफ्ट में क्या है खास
उत्तर प्रदेश सरकार ने बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन के लिए 18 सदस्यीय न्यास बोर्ड का ड्राफ्ट सदन में पेश कर दिया है. इस बोर्ड को 20 लाख रुपये तक खर्च की अनुमति होगी. इससे ज्यादा के लिए सरकार की अनुमति लेनी होगी. दावा किया गया है कि इससे मंदिर की वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और परंपराओं का संरक्षण होगा.
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुधवार को विधानसभा में श्री बांके बिहारी जी मंदिर न्यास अध्यादेश 2025 पेश कर दिया है. अध्यादेश के ड्राफ्ट में दावा किया गया है कि मंदिर की परंपरा सुरक्षित रखी जाएगी. मंदिर प्रबंधन को सशक्त बनाया जाएगा. मंदिर परिसर में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इस ड्राफ्ट के मुताबिक मंदिर का संचालन 18 सदस्यीय न्यासी बोर्ड करेगा. इस ड्राफ्ट में मंदिर प्रबंधन से लेकर वित्तीय पारदर्शिता और तीर्थयात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं दिलाने पर जोर दिया गया है. इस ड्राफ्ट के मुताबिक मंदिर प्रबंधन को 20 लाख रुपये तक के लेन-देन की पूरी छूट होगी, लेकिन इससे अधिक के लेन-देन के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजकर अनुमति लेनी होगी.
योगी सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि मंदिर की व्यवस्था में सरकार का कोई दखल नहीं होगा. वहीं न्यास बनने से मंदिर की किसी भी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा के अलावा मान्यताओं में ना तो कोई हस्तक्षेप किया जाएगा और ना ही उसमें कोई बदलाव किया जाएगा. सरकार के मुताबिक इस मंदिर की पूजा-पद्धति और धार्मिक मान्यताओं को बिना छुए, प्रबंधन, सुरक्षा और सेवा-सुविधाओं को आधुनिक स्वरूप देने का काम किया जाएगा. सरकार मुताबिक इस अध्यादेश के लागू होने से श्री बांके बिहारी मंदिर न केवल अपनी प्राचीन आध्यात्मिक परंपराओं को बनाए रखेगा, बल्कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुगम और आधुनिक अनुभव भी प्रदान करेगा. ड्राफ्ट में बताया गया है कि इस न्यास का मुख्य उद्देश्य स्वामी हरिदास के समय से चली आ रही पूजा-पद्धति, त्यौहार और अनुष्ठानों की निर्बाध रूप से जारी रखना है.
मंदिर में ये होंगी सुविधाएं
इसके साथ ही यहां देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सहज दर्शन की व्यवस्था किया जाएगा. इसके अलावा प्रसाद वितरण, दिव्यांगजनों व वरिष्ठ नागरिकों के लिए जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके अलावा न्यास यहां पेयजल, विश्राम स्थल, कतार प्रबंधन, गौशाला, अन्नक्षेत्र, यात्रागृह, होटल और प्रदर्शनी कक्ष जैसी आधुनिक सुविधाएं भी जुटाने की कोशिश करेगा. मंदिर की संरचनात्मक सुरक्षा व दीर्घकालिक संरक्षण के लिए भी विशेषज्ञों के परामर्श से काम किया जाएगा. इस न्यास का एक लक्ष्य मंदिर में आने वाले दान, चढ़ावे और संपत्तियों का प्रबंधन भी है.
बोर्ड की ऐसी होगी संरचना
18 सदस्यीय इस न्यास में 11 नामनिर्दिष्ट सदस्य होंगे. इनमें 3 वैष्णव परंपरा से, 3 अन्य सनातन परंपराओं से, 3 विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति और 2 गोस्वामी परंपरा से (राज-भोग व शयन-भोग सेवायत) होंगे. इनके अलावा 7 पदेन सदस्य होंगे. इनमें डीएम मथुरा, एसएसपी, नगर आयुक्त, ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ, धर्मार्थ कार्य विभाग का एक अधिकारी, श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के सीईओ और राज्य सरकार द्वारा नामित एक सदस्य को शामिल किया गया है. इस ड्राफ्ट के मुताबिक नामनिर्दिष्ट न्यासियों का कार्यकाल 3 साल होगा. वहीं न्यास में किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति केवल दो बार ही हो सकेगी.