3 चांदी और 1 सोने की छड़ी… क्या दौलत के नाम पर बांके बिहारी के पास इतना ही? उठे सवाल के नहीं मिले जवाब

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर का खजाना 54 साल बाद खुला, पर माल उम्मीद से बहुत ही कम मिला. केवल 3 चांदी और 1 सोने की छड़ी, कुछ पुराने बर्तन मिले, जबकि बेशुमार दौलत का दावा किया जा रहा था. खाली आभूषणों के डिब्बों ने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर इतनी संपत्ति कहां गई? उच्च स्तरीय कमेटी ने जांच की और जल्द ही इसकी रिपोर्ट सौंपेगी.

बांके बिहारी मंदिर के खजाने का गहराया रहस्य

दुनिया भर में मशहूर वृंदावन के श्री ठाकुर बांके बिहारी के खजाने में 3 चांदी और एक सोने की छड़ी मिली है. इसके अलावा कुछ पुराने बर्तन भी मिले हैं. 54 साल बाद धनतेरस के दिन खुले बांके बिहारी के खजाने की तलाशी का काम छोटी दिवाली के दिन पूरा हो गया. लेकिन इसी के साथ सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या बांके बिहारी के खजाने में इतनी ही दौलत थी? पहले तो यह दावा किया जा रहा था कि खजाने में बेशुमार सोने-चांदी के जेवर, हथियार एवं अन्य मूल्यवान चीजें हैं. इस खजाने की सुरक्षा खुद शेषनाग कर रहे हैं, लेकिन खजाना खुलने के बाद हर आदमी हैरान है.

बता दें कि कोर्ट के आदेश पर ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के तहखाने का दरवाजा 18 अक्टूबर को धनतेरस के मौके पर खोला गया. पहले दिन इस तहखाने में टूटे हुए बक्से और कुछ पुराने बर्तनों के अलावा कुछ नहीं मिला. चूंकि इतना करते शाम हो गई थी, ऐसे में तहखाने को सील कर दिया गया और 19 अक्टूबर यानी आज छोटी दिवाली को वापस सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पॉवर कमेटी की मौजूदगी में तहखाने की जांच कराई गई. इस दौरान तीन से चार संदूक मिले हैं. इनमें कुछ बर्तनों के अलावा तीन चांदी की और एक सोने की छड़ी के अलावा भक्तों द्वारा भेंट की गई चीजें मिली हैं.

दो सौ बर्तन मिले

हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी के मुताबिक ठाकुर जी के तहखाने में लगभग 200 से अधिक बर्तन मिले हैं. इसके अलावा एक सोने की छड़ी, तीन चांदी की छड़ी और कुछ नाग मिले हैं. इसके अलावा 2 से 3 तांबे के सिक्के भी मिले हैं. तहखाने में आभूषणों के कुछ डिब्बे तो मिले हैं, लेकिन यह सब खाली थे. उन्होंने बताया कि अभी तक की कार्रवाई पूरी हो चुकी है. अब रिपोर्ट जल्द ही कमेटी के अध्यक्ष को सौंप दी जाएगी. उन्होंने बताया कि तहखाना भारी सुरक्षा के बीच खोला गया था और चप्पे चप्पे की वीडियोग्राफी कराई गई है.

किसने उड़ाया बांके बिहारी की दौलत?

बांके बिहारी के खाली खजाने को देखकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. पूछा जा रहा है कि आखिर खजाने के अंदर से दौलत कैसे गायब हो गई. इसी के साथ पूछा जा रहा है कि 1971 में जब यह खजाना खुला था, उस समय यहां कितनी दौलत थी. सवाल यह भी खजाने के अंदर आभूषणों के खाली डिब्बे तो मिले हैं, लेकिन इसमें से खजाना कैसे गायब हो गया. जबकि खजाने का दरवाजा ही भारी सुरक्षा के बीच खोला गया है. इसी लगता सवाल यह भी कि खजाने की सुरक्षा करने वाले शेषनाग कहां गए. हालांकि इस सवाल के जवाब में यह कहा जा रहा है कि पहले दिन सांपों का एक जोड़ा पकड़ा गया था.

कमेटी ने बनाई इन्वेंटरी लिस्ट

बांके बिहारी के खजाने की जांच के बाद कमेटी ने फोटोग्राफिक डॉक्यूमेंटेशन और इन्वेंटरी लिस्ट तैयार की है. इसमें एक तिजोरी से 1942 के दो तांबे के सिक्के, दूसरी तिजोरी से कुछ पुराने सिक्के, एक बक्से से 3 चांदी की छड़ें और 1 सोने की छड़ी बरामद होना दर्ज किया गया है. इसमें बताया गया है कि सोने की छड़ी पर गुलाल लगा है. संभावना है कि होली के समय किसी भक्त ने बांके बिहारी को यह छड़ी भेंट की होगी. कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी के मुताबिक तहखाने के नीचे वाले कमरे की भी तलाशी ली गई, लेकिन वहां कोई मूल्यवान वस्तु नहीं मिली है. अब तहखाने को पूरी तरह से खाली कर दिया गया है.

दूनिया भर में हैं ठाकुर जी के भक्त

ठाकुर जी के भक्त दूनिया भर में हैं. रोज यहां देश विदेश से हजारों की तादात में भक्त आते हैं और ठाकुर जी के दर्शन के बाद अपनी श्रद्धा के मुताबिक भेंट भी अर्पित करते हैं. इसलिए सभी भक्तों को उम्मीद थी कि ठाकुर बांके बिहारी काफी अमीर होंगे, मंदिर के सेवायत गोस्वामी समाज के लोग भी यही बात कह रहे थे. अब खजाना खुलने के बाद इन सभी को निराशा हाथ लगी है. अब गोस्वामी समाज के लोगों ने मंदिर में चोरी होने की आशंका जाहिर की है. चूंकि पहले भी दो बार मंदिर में चोरी हो चुकी है. इसलिए सेवायत दिनेश गोस्वामी ने इस मुद्दे को हाई पॉवर कमेटी की अगली बैठक में उठाने की बात कही है.