अब क्यों सुर्खियों में है वृंदावन की सुदामा कुटी? पहले राष्ट्रपति आईं, अब RSS प्रमुख के साथ आ रहे 4 राज्यों के CM
वृंदावन की सुदामा कुटी 10 जनवरी से शुरू हो रहे शताब्दी वर्ष महोत्सव के कारण सुर्खियों में है. हाल ही में राष्ट्रपति मुर्मू भी यहां आईं थी, अब RSS प्रमुख मोहन भागवत, चार राज्यों के CM और कई संत यहां पहुंच रहे हैं. 1926 में स्थापित यह कुटी संत सेवा और गोसेवा के लिए प्रसिद्ध है. यहां आयोजित समारोह का समापन 21 जनवरी को महाप्रसाद से होगा. इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी पहुंच सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण की रास स्थली वृंदावन स्थित सुदामा कुटी एक बार फिर सुर्खियों में है. पिछले महीने ही यहां देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू आईं थीं. अब यहां आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत चार राज्यों के सीएम योगी आदित्यनाथ, रेखा गुप्ता, पुष्कर सिंह धामी और मोहन यादव के साथ पहुंच रहे हैं. इसके अलावा श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी और जूना अखाड़े से अवधेशानंद गिरी व बाबा रामदेव, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जैसे संत महात्माओं का भी जमावड़ा होने जा रहा है.
दरअसल सुदामा कुटी का 10 जनवरी से 10 दिवसीय शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है. सुदामा कुटी के महंत और नाभापीठाधीश्वर सुतीक्ष्णदास महाराज के मुताबिक वृंदावन में सुदामा कुटी की स्थापना साल 1926 में हुई थी. 100 सालों से यहां संत महात्माओं की सेवा के साथ ही गोसेवा का का काम सुचारू रूप से चल रहा है. इस उपलक्ष्य में 10 जनवरी से 20 जनवरी तक यहां महामहोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन का समापन 21 जनवरी को महाप्रसाद के साथ होगा.
संघ प्रमुख करेंगे शुभारंभ
महंत सुतीक्ष्णदास महाराज के मुताबिक इस आयोजन के शुभारंभ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के अलावा चार राज्यों के मुख्यमंत्री भी आएंगे.इनमें उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव शामिल हैं. इनके अलावा कई केंद्रीय मंत्री, कई राज्यों के कैबिनेट मंत्री भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. वहीं कार्यक्रम के समापन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को आमंत्रित किया गया है.
संतों की सेपा को समर्पित है सुदामा कुटी
महंत सुतीक्ष्ण दास महाराज के मुताबिक सुदामा कुटी को बिहार के गोपालगंज स्थित छिपाया गांव से आए सुदामादास महाराज ने साल 1926 में स्थापित किया था. यहां से पहले वह अयोध्या में रहते थे और जीवन के अंतिम क्षणों में वह वृंदावन पहुंचे. यहां उन्होंने बंसीवट और गोपेश्वर महादेव मंदिर के बीच अपना आश्रम बनाकर संत सेवा शुरू की थी. उसी समय से यहां संतों की निशुल्क सेवा हो रही है. सुदामा कुटी में कई मंदिर हैं. इसके अलावा एक बड़ी गोशाला भी है.
