नेपाल बार्डर से मुंबई तक धर्मांतरण का जाल, बनाई 100 करोड़ की संपत्ति; छांगुर बाबा केस में अब ED और NIA की एंट्री
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में गिरफ्तार धर्मांतरण माफिया जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ ईडी और एनआईए ने जांच शुरू कर दी है. छांगुर बाबा के 40 से अधिक बैंक खातों के जरिए 100 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन का खुलासा हुआ है. आरोप है कि यह लेनदेन धर्मांतरण और आतंकवाद के लिए किया गया था. छांगुर बाबा ने विदेशी फंडिंग से प्रॉपर्टी और लग्जरी सामान भी खरीदा है.
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में पकड़े गए कुख्यात धर्मांतरण माफिया जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा केस में ईडी और एनआईए की भी एंट्री हो गई है. देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त इस बदमाश को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया है. एटीएस ने इसके पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए 100 करोड़ रुपये से भी अधिक के लेनदेन का खुलासा किया है. आरोप है कि इस रकम का इस्तेमाल छांगुर बाबा ने खुद की संपत्ति बनाने, लोगों का धर्मांतरण कराने और टेरर फंडिंग के लिए किया है. इस खुलासे के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और एनआईए ने भी अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी है.
एटीएस को मिले इनपुट के मुताबिक छांगुर बाबा के कनेक्शन खाड़ी देशों में हैं और वहीं से उसे हवाला के जरिए पैसे भेजे गए थे. इस इनपुट की जांच एनआईए कर रही है. जल्द ही एनआईए इस संबंध में छांगुर बाबा से पूछताछ भी करने आ सकती है. वहीं 40 से अधिक बैंक खातों के जरिए 100 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन मामले की जांच ईडी करेगी. एडीजी (कानून-व्यवस्था) अमिताभ यश के मुताबिक इन खातों के माध्यम से किए गए लेनदेन संदिग्ध हैं. यह लेनदेन शोरूम, आलीशान बंगले, लग्जरी गाड़ियां और पुणे के लोनावाला में प्रापर्टी खरीदने में किया गया है.
बलरामपुर में बनाई कई प्रापर्टी
छांगुर बाबा ने विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए भी खूब किया. इसने बलरामपुर में ही कई संपत्तियां अर्जित कीं. जिनमें मधपुर में तीन बीघे में फैला आलीशान बंगला, शोरूम, तबेला, अस्पताल और स्टोर रूम शामिल हैं. इसके निर्माण के लिए छांगुर ने 12 करोड़ रुपये का ठेका दिया था. इसी प्रकार पुणे के मावल तहसील में 16 करोड़ रुपये की कीमत की जमीन भी खरीदी. इसमें सीजेएम कोर्ट के लिपिक राजेश उपाध्याय की पत्नी संगीता देवी को हिस्सेदार बनाया था. एक होटल में फर्जी नाम से छिपे छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को बीते शनिवार को ही गिरफ्तार किया गया है.
पहले ही अरेस्ट हो चुका है बेटा
एटीएस ने छांगुर से पहले उसके बेटे महबूब और नीतू के पति नवीन उर्फ जमालुद्दीन को अरेस्ट किया था. इन दोनों से पूछताछ में छांगुर बाबा के काले कारनामों की पुष्टि हो गई थी. हालांकि अभी भी छांगुर बाबा गैंग में शामिल 14 अन्य सदस्यों फरार हैं. जिनकी तलाश यूपी एटीएस और एसटीएफ मिलकर कर रही है. एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक छांगुर बाबा का गैंग एक संगठित और अंतरराष्ट्रीय रैकेट है. पुलिस इसकी हर परत को खोलने में जुट गई है.