150 लोगों का गैंग, 50 करोड़ की ठगी… MBA पास युवक निकला साइबर क्राइम का सरगना
कानपुर पुलिस ने 50 करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी का पर्दाफाश किया है. आरोपी काल सेंटर के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाता था. यह रैकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला था और इसमें कई लोग शामिल थे. वहीं गिरफ्तार रैकेट का सरगना एमबीए होल्डर है.

कानपुर में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी मामला का पर्दाफाश हुआ है. जहां काल सेंटर चलाकर देश-विदेश के लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाया जाता था. कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच ने इस गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है. गिरोह का सरगना एमबीए ग्रेजुएट है, उसके पास से 4.25 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं.
अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह के मास्टरमाइंड का नाम पुलकित द्विवेदी है. उसने मुंबई से एमबीए डिग्रीधारी हासिल की, फिर काल सेंटर के माध्यम से ठगी के काम में संलिप्त था. यह रैकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला था. उसके गैंग में 150 से ज्यादा सदस्य शामिल थे. पुलकित की पत्नी और दोस्त अभी भी फरार हैं. पुलिस आगे की जांच कर रही है.
4.25 करोड़ रुपए, 57 फोन, 78 डेस्कटॉप बरामद
पुलकित द्विवेदी को 50 करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी मामले में गिरफ्तार किया है. उसने अब तक देश और विदेश के सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की. पुलिस ने आरोपी के पास से 4.25 करोड़ रुपये नकद, 57 मोबाइल फोन, 78 डेस्कटॉप, 11 लैपटॉप, 4 फर्जी मोहरें, 6 क्यूआर स्कैनर और एक पैन कार्ड बरामद किया है.
डीसीपी क्राइम एसएम कासिम आबिदी के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी पुलकित द्विवेदी कानपुर के नवाबगंज स्थित सिग्नेचर ग्रीन सोसाइटी का निवासी है. साल 2020 में पुलकित ने वेबिक्सी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और ग्लोबल ट्रेड प्लाजा नाम से दो कंपनियां पंजीकृत कराई थी. इन कंपनियों के माध्यम से ही वह लोगों को प्रलोभन देता था.
आरोपी खुद को बताता था बिजनेस प्रमोटर
पुलिस के जांच में पाया गया कि आरोपी पुलकित द्विवेदी खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बिजनेस प्रमोटर बताकर लोगों को अपना शिकार बनाता था. वह लोगों को माल के क्रय-विक्रय और अधिक लाभ का लालच देता था. उसने इस गिरोह में अपनी पत्नी वर्तिका कटियार और दोस्त सत्यकाम साहू को भी शामिल कर रखा था.
इस गिरोह का मुख्य हथकंडा यह था कि वे देश-विदेश के कारोबारियों को ऑनलाइन बिजनेस बढ़ाने के नाम पर जोड़ते थे. फिर एडवांस भुगतान के बाद माल की डिलीवरी न करके रकम हड़प लेते थे. इसके लिए एक विशाल काल सेंटर तैयार किया, जिसमें करीब 150 बेरोजगार युवक-युवतियों को काम पर रखा गया था.
गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में पुलिस
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने न केवल भारत बल्कि कई विदेशी नागरिकों को भी निशाना बनाया. धोखाधड़ी का पैटर्न ऐसा था कि पीड़ितों को लंबे समय तक शक तक नहीं होता था, और जब तक वे शिकायत दर्ज कराते, तब तक रकम कई खातों और डिजिटल वॉलेट्स के जरिए निकाल ली जाती थी.
डीसीपी क्राइम ने बताया कि पुलकित और उसके साथियों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी, ताकि ठगी के दायरे और पीड़ितों की सही संख्या का पता चल सके. पुलिस अब गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है.



