दृश्यम और क्राइम पेट्रोल देखकर कर दी पिता की हत्या, शव को पेट्रोल से जलाया; 6 महीने बाद खुला राज
कानपुर एक बेटे ने अपने दोस्त के साथ मिलकर अपने पिता की हत्या कर दी. उसने फिल्म 'दृश्यम' और 'क्राइम पेट्रोल' देखकर इस घटना को अंजाम दिया था. पिता की हत्या के बाद शव को औरैया में जला दिया. वहीं, छह महीने की जांच के बाद पुलिस ने दोनों को दबोचा. इसके बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया.

कानपुर के कल्याणपुर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. जहां एक बेटे ने अपने दोस्त के साथ मिलकर अपने पिता की हत्या कर दी. बेटे ने फिल्म ‘दृश्यम’ और ‘क्राइम पेट्रोल’ से प्रेरित होकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया. हत्या के बाद शव को दोनों ने मिलकर औरैया में जला दिया था. पुलिस ने छह महीने की जांच के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के मुताबकि, मृतक का नाम कमलापति (62) था. वह कल्याणपुर के पुराना शिवली रोड, चंदेल नगर के रहन वाले थे. वह रेलवे में गार्ड की नौकरी करते थे और बिहार के जयनगर से सेवानिवृत्त हुए थे. उनके परिवार में पत्नी मधु तिवारी, दो बेटे श्यामजी और रामजी और एक बेटी है. रामजी शराब का आदी था उसका आए दिन पैसे को लेकर पिता से विवाद होता था.
नहर के किनारे ले जाकर शव को पेट्रोल से जलाया
डीसीपी वेस्ट दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी का पिता के साथ किराए की दुकानों और पेंशन के पैसे को लेकर अक्सर विवाद होता था. कमलापति की शिवली रोड पर आठ दुकानों से 25-30 हजार रुपये किराया और 60 हजार रुपये पेंशन मिलती थी. इस बीच मार्च में अपनी मां मधु के वृंदावन जाने के बाद रामजी ने अपने दोस्त ऋषभ के साथ मिलकर पिता की हत्या की साजिश रची.
डीसीपी के अनुसार, रामजी ने फिल्म ‘दृश्यम’ और ‘क्राइम पेट्रोल’ से देखकर इस वारदात को अंजाम दिया. हत्या के बाद शव को औरैया के बेला में पटना नहर के किनारे ले जाकर पेट्रोल डालकर जलाया गया. पहचान छिपाने के लिए शव के चेहरे पर बोरा डाला गया. लेकिन आग पूरी तरह नहीं फैल सकी. इसके बाद 18 मार्च को औरैया पुलिस को शव मिला, लेकिन पहचान नहीं हो सकी.
पुलिस को किया गुमराह, 6 महीने बाद खुला राज
पुलिस को गुमराह करने के लिए रामजी ने ऋषभ को पिता का मोबाइल देकर बिहार के जयनगर भेजा, ताकि आखिरी लोकेशन बिहार दिखे. ऋषभ ने मोबाइल नेपाल में बेचने की लालच में कानपुर वापस लाकर रामजी को दे दिया . इसके बाद जब उसकी मां मधु 29 मई को वृंदावन से घर लौटी. उसने पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट 12 जून को पुलिस में दर्ज कराई.
पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शूरू की. इस बीच औरैया में मिले शव की पहचान कमलापति के रूप में हुई. पुलिस ने मामले को और खंगालना शुरू कर दिया. करीब 6 महीने की जांच के बाद पुलिस को रामजी के पास पिता का मोबाइल मिला, जिससे वह टूट गया और हत्या की बात कबूल की. पुलिस ने रामजी और ऋषभ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.