लखनऊ में RBI में मिले नकली नोट, बंद हो चुके 2000 के नोट भी शामिल; FIR दर्ज

लखनऊ स्थित भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में नकली नोट मिलने का मामला सामने आया है. इनमें में ₹50, ₹100 के अलावा बंद हो चुके 2000 रुपए के नोट भी शामिल हैं. जाली नोट मिलने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है. साथ ही नकली नोटों की फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है.

लखनऊ में RBI में 24 नकली नोट मिले

लखनऊ स्थित भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की शाखा में जुलाई 2025 में 24 नकली नोट मिले हैं. इनमें ₹50, ₹100 के अलावा बंद हो चुके ₹2000 के नोट भी शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार नकली नोट विभिन्न बैंकों की शाखाओं से जमा किए गए थे. RBI में जाली नोट बरामद होने के बाद केस दर्ज कराया गया है. साथ ही नकली नोटो को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है.

RBI ने महानगर थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 179 के तहत केस दर्ज कर जांच में जुटी है. बैंकों के करेंसी चेस्ट और पब्लिक एक्सचेंज काउंटर से आए नोटों की जांच के दौरान जाली नोट बरामद हुए थे. जुलाई 2025 में मिले 24 नकली नोट में ₹50 के 6, ₹100 के 14 और ₹2000 के 4 नोट शामिल हैं.

जाली नोट प्रचलित करना एक अपराध

एफआईआर में कहा गया है कि जुलाई 2025 में RBI लखनऊ कार्यालय के अंतर्गत कार्यरत बैंकों के विभिन्न मुद्रा प्रकोष्ठों से प्राप्त अप्रचलित नोटों के प्रेषण की जांच के दौरान कुल 24 जाली नोट ज़ब्त किए गए. भारतीय रिज़र्व बैंक, लखनऊ के सार्वजनिक विनिमय काउंटरों पर जब्त किए गए. साथ ही इसमें बताया गया कि जाली नोट प्रचलित करना एक अपराध है.

इसमें कहा गया कि यह भारतीय दंड संहिता, 2023 की धारा 178 से 182 के अंतर्गत एक अपराध है, इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाए. यदि कोर्ट में आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का निर्णय लिया जाता है, तो आप प्रावधानों के अनुसार नोटों की जांच कर सकते हैं.

विशेषज्ञों की राय कोर्ट में दे सकते हैं

इसमें कहा गया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 328 (1) और 328 (3) के प्रावधानों के अनुसार नोटों को जांच के लिए किसी भी नोट प्रिंटिंग प्रेस, फोरेंसिक, विज्ञान प्रयोगशाला आदि में भेजने की व्यवस्था कर सकते हैं. साथ ही विशेषज्ञों द्वारा दी गई राय को बीएनएस की धारा संख्या 328 के अंतर्गत साक्ष्य के रूप में कोर्ट में प्रस्तुत किया जा सकता है.