पैसा दोगुना करने का झांसा, असली नोट लेकर पकड़ा दिए कागज; नोएडा में सरगना समेत 6 गिरफ्तार

नोएडा पुलिस ने पैसा दोगुना करने वाले ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गैंग के सरगना समेत 6 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 6 लाख नकदी, नकली नोट और लग्जरी कारें बरामद की हैं. गिरोह का सरगना IT शिक्षित युवक है जो लोगों से असली नोट लेकर बैग में कागज़ भर देता था.

नोएडा में डबल मनी ठगी गैंग का पर्दाफाश

नोएडा की बिसरख कोतवाली पुलिस ने पैसे दोगुना करने का झांसा देकर ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. यह गिरोह बेहद फिल्मी तरीके से लोगों को जाल में फंसाता था. पहले भरोसा जीतता, फिर नकली ट्रिक से असली पैसे लेकर बैग में कागज भरकर पीड़ित को पकड़ा देता था. पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 6 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है.

सेंट्रल जोन के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया जिस गिरोह का भंडाफोड़ किया है, उसका असली दिमाग कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि IT से पढ़ाई किया हुआ. 24 वर्षीय इस युवक का नाम इंद्रमणि उर्फ़ राजा है. इंजीनियरिंग बैकग्राउंड और तकनीकी समझ रखने वाला यह युवक ही पूरे ऑपरेशन को प्लान करता था.

डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपी इंद्रमणि ही गिरोह में सब कुछ तय करता था. कौन ग्राहक बनेगा, कैसे ट्रैप करना है, कैसे असली नोट लेकर बैग में कागज़ भरकर ठगी को अंजाम देना है. फ्लैट की लोकेशन बदलना यह सब इंद्रमणि ही तय करता था. इसके के प्लान से गिरोह के सदस्य अलग-अलग भूमिका निभाते थे.

कैसे शुरू होती थी ठगी? तरीका बिल्कुल पेशेवर

डीसीपी ने बताया कि पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गिरोह पीड़ितों को पहले यह विश्वास दिलाता था कि वे सट्टा लगाकर बहुत जल्दी पैसे दोगुना कर सकते हैं. गिरोह के सदस्य अलग-अलग भूमिका निभाते थे. कोई पीड़ित को फंसाकर लेकर आता, कोई नोट गिनने की मशीन चलाता, तो कोई बाहर खड़ा होकर पूरे ऑपरेशन को मॉनिटर करता था.

इस दौरान पीड़ित को ऐसा महसूस कराया जाता कि यह सब असली और सुरक्षित काम है. गैंग का तरीका बिल्कुल पेशेवर था. पीड़ित से असली रुपये लेकर मेज पर गिनवाए जाते. नोट गिनने की मशीन चलाई जाती ताकि व्यक्ति को भरोसा हो. फिर बैग में असली नोट डालने का नाटक किया जाता, लेकिन बैग में पहले से ही कागज़ नकली नोट भरे रहते थे.

अंत में पीड़ित को वही बैग पकड़ा दिया जाता और कहा जाता कि पैसा दोगुना होने के लिए कुछ समय लगेगा. पीड़ित घर जाकर बैग खोलता तो अंदर सिर्फ कागज़ या एक-दो असली नोट के ऊपर कागज़ के बंडल मिलते थे. एक व्यक्ति से ठगी के बाद नाम पता चेंज और पीड़ित का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया जाता था.

दिल्ली, नोएडा और बिहार में कई मामलों में शामिल

डीसीपी ने यह भी बताया कि यह गैंग बड़ी शातिर तरीके से लोगों के साथ ठगी करता. पहले दूसरे जिले से लोगो को ग्रेटर नोएडा लाया जाता था. फिर वह सभी लोग एक जगह बैठे होते थे उन्हीं के गैंग के लोग ही सट्टा खेलते थे और दूसरे आने वाले लोगों को लगता था कि यह भी हमारी तरह ही पैसा लगाने वाले हैं और यह यहां से पैसा डबल करके जा रहे हैं.

यकीन होने पर लोग उनके झांसे में आते थे और उन्हें पैसा दे देते थे. जांच में पता चला कि यह गैंग पहले भी दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और बिहार में कई मामलों में शामिल रह चुका है. पुलिस ने गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया जिसमे शुभम तिवारी, नवनीत सिंह, इश्तियाक उर्फ़ राजा, गौरव गुप्ता, रितेश कुमार, चंचल शामिल हैं.

पुलिस ने अपार्टमेंट और मॉल के पास से धर दबोचा

नोएडा के रहने वाले एक पीड़ित ने बिसरख थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने टीम गठित कर तकनीकी और फील्ड इनपुट के आधार पर आरोपियों का पीछा किया. 11 दिसंबर को पुलिस ने गिरोह को लक्ज़री अपार्टमेंट और मॉल के पास से धर दबोचा. मौके से 6 लाख नगद, नोट गिनने की मशीन, कारें, मोबाइल, फर्जी दस्तावेज, ट्रॉली बैग और नकली नोट बरामद किए गए.