26 साल पुरानी अदावत… सुल्तानपुर में फिर टकराए 2 बाहुबली, अयोध्या तक बना ‘कुरुक्षेत्र’; किससे है सोनू-मोनू की जान को खतरा?
सुल्तानपुर के बाहुबली नेता सोनू और मोनू ने अपनी जान का खतरा जताया है. इसी के साथ 26 साल पुरानी दुश्मनी में बीजेपी नेता विनोद सिंह से उनका विवाद गहरा गया है. कोर्ट में हथियार मिलने के बाद सोनू सिंह ने इस संबंध में शिकायत भी दर्ज कराई है. उन्होंने इस दुश्मनी के क्रम में अपने पिता की मूर्ति को लेकर भी विवाद का भी उल्लेख किया है.

सुल्तानपुर के बाहुबली नेता और पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू और यशभद्र सिंह उर्फ मोनू लगातार सुर्खियों में हैं. अभी दो दिन पहले इनकी कोर्ट में पेशी से ठीक से पहले एक वकील के चैंबर से हथियार और कारतूस बरामद हुए थे. आरोप लगा कि यह हथियार सोनू सिंह की हत्या के लिए लाए गए थे. इसी आशंका को आधार बनाते हुए उस दिन सोनू सिंह कोर्ट में हाजिर नहीं हुए और अब उसी कोर्ट में अपनी हत्या की साजिश रचे जाने की शिकायत की है. उनकी शिकायत के बाद बड़ा सवाल यह है कि जिनके काफिले को देखकर लोग सहम जाते हैं, अब उन्हें किससे खतरा हो सकता है?
यह सवाल इस समय एकदम मौजूं हैं, लेकिन इसे समझने के लिए 26 साल पीछे जाना होगा. आइए, उसी दौर में चलते हैं, लेकिन उससे पहले 10 साल पुरानी उस घटना की चर्चा कर लेते हैं, जिसमें तत्कालीन बीजेपी विधायक विनोद सिंह और पूर्व विधायक सोनू सिंह में खुलकर दुश्मनी हुई थी. दरअसल साल 2014 में उत्तर प्रदेश की सरकार थी. उन दिनों सपा नेता सोनू सिंह पर जानलेवा हमला हुआ था. सोनू सिंह ने इस मामले में तत्कालीन बीजेपी विधायक विनोद सिंह और पूर्व प्रधान कमला देवी को आरोपी बनाते हुए पुलिस में मामला दर्ज कराया था. यह मामला अभी तक कोर्ट में लंबित है और इस समय गवाही के दौर से गुजर रहा है. इस मामले में साल 2021 में सुल्तानपुर पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट भी पेश कर दिया था.
कोर्ट में मिला था हथियार
बताया जा रहा है कि तीन दिन पहले सोनू सिंह के भाई मोनू सिंह इसी मामले में गवाही के लिए कोर्ट में हाजिर होने वाले थे. अभी वह घर से निकले ही थे कि उनके वकील ने फोन कर उन्हें कोर्ट पहुंचने से मना कर दिया था. सूचना दी थी कि कोर्ट में उनकी हत्या की साजिश रची गई थी. इसके लिए कोर्ट में हथियार पहुंचाए गए थे, जिन्हें पुलिस ने औचक जांच पड़ताल के दौरान एक वकील के चैंबर से बरामद कर लिया है. इस मामले की जांच जारी है. पुलिस पता करने की कोशिश कर रही है कि यह हथियार यहां कौन लेकर आया और किसके इशारे पर कोर्ट में हथियार लाए गए.
मोनू सिंह ने दिया पुरानी दुश्मनी का हवाला
इस संबंध में सोनू सिंह सीधा आरोप विनोद सिंह पर लगाते हैं. वह खुद कहते हैं कि विनोद सिंह की ओर से उनके ऊपर यह कोई पहला हमला नहीं है. इससे पहले उनके ऊपर कोर्ट में ही साल 2014 में हमला हुआ था. हमलावर कोई जैनेंद्र शर्मा नामक व्यक्ति था. उसे विधायक विनोद सिंह ने हॉयर किया था. वारदात से पहले विनोद सिंह और जैनेंद्र शर्मा फोन पर लगातार एक दूसरे के संपर्क में थे. इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने जब इनकी कॉल डिटेल निकाली तो इसमें इस बात की पुष्टि भी हुई थी. इसके बाद पुलिस ने उस मामले में विनोद सिंह को भी आरोपी बनाया था.
बदस्तूर कायम है दुश्मनी
सपा नेता सोनू-मोनू और बीजेपी नेता विनोद सिंह के बीच की इस दुश्मनी का एक एंगल 26 साल पुराने एक हत्याकांड से है. उस समय सोनू-मोनू के पिता की हत्या हुई थी. आरोप लगा था कि एक आश्रम के महंत ने इस वारदात की साजिश रची थी. माना जाता है कि इस वारदात के पीछे कहीं ना कहीं विनोद सिंह का भी हाथ रहा था. इसकी वजह से सोनू-मोनू विनोद सिंह से बदला लेने की फिराक में लग गए थे. हालांकि पहली बार ये साल 2014 में एक दूसरे के खिलाफ खुलकर सामने आए थे. अभी कुछ दिन पहले भी इनके बीच टकराव की नौबत आ गई थी.
पिता की मूर्ति को लेकर भी हुआ विवाद
दरअसल सोनू-मोनू के पिता की विधायक रहते हत्या हुई थी. अपने जमाने में वह दबंग और जनप्रिय नेता हुआ करते थे. इससे में उनकी मौत के बाद आदमकद मूर्ति लगाई गई. अब इस मूर्ति को हटाने के लिए पूर्व विधायक विनोद सिंह ने डीएम सुल्तानपुर को पत्र लिख दिया. इसकी जानकारी होने पर बीजेपी के ही एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने इसका विरोध किया और उन्होंने भी डीएम को पत्र लिखकर ऐसा नहीं करने को कहा था. इस बात को लेकर विनोद सिंह ने सीएम योगी की दरबार में भी हाजिरी लगाई थी. आरोप लगाया था कि देवेद्र प्रताप सिंह सोनू मोनू के इशारे पर काम कर रहे हैं.