महज एक मुलाकात बन गई मुसीबत, कौन है सपा की इंस्टा क्वीन मुस्कान मिश्रा

सपा ने मुस्कान मिश्रा को डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए पार्टी से युवा वोटरों को जिम्मेदारी सौंपी थी. लेकिन हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास से उनकी एक मुलाकात उनके लिए मुसीबत लेकर आ गई है. पार्टी ने उन्हें उनके पद से हटा दिया है.

सपा ने मुस्कान मिश्रा को पद से हटाया

समाजवादी पार्टी से जुड़े एक फैसले ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है. पार्टी की महिला इकाई ‘समाजवादी महिला सभा’ की राष्ट्रीय सचिव मुस्कान मिश्रा को अचानक उनके पद से हटा दिया गया. 3 महीने पहले ही उन्हें इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. लेकिन अयोध्या के हनुमानगढ़ी में महंत राजू दास से उनकी मुलाकात के चलते उन्हें पदमुक्त कर दिया गया है.

लखनऊ की रहने वाली 22 वर्षीय मुस्कान मिश्रा सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के तौर पर भी जानी जाती है. इंस्टाग्राम पर उनके तकरीबन 6.68 लाख फॉलोवर हैं. वह अपने हैंडल पर सपा की नीतियों का प्रचार करने वाली रील्स और वीडियोज पोस्ट करती नजर आती हैं.

युवा वोटरों को जोड़ने की मिली थी जिम्मेदारी

सपा ने मुस्कान को डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए पार्टी से युवा वोटरों को जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी थी. लेकिन रविवार यानी 13 अक्टूबर को अयोध्या यात्रा के दौरान महंत राजू दास से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने का वीडियो वायरल होते ही विवाद खड़ा हो गया.

वीडियो वायरल होते ही निशाने पर आईं मुस्कान

मुलाकात का वीडियो प्रतापगढ़ के व्यवसायी सूरज पांडेय ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया, जिसमें मुस्कान महंत के चरण स्पर्श करती और आशीर्वाद लेती दिख रही हैं. सूरज लखनऊ में सूरज ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाते हैं. वीडियो वायरल होते ही सपा कार्यकर्ताओं में रोष फैल गया. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसे ‘पार्टी विरोधी गतिविधि’ करार दिया.

महंत राजू दास ने मुलायम सिंह यादव पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी में यह मामला इसलिए संवेदनशील हो गया. दरअसल, महंत राजू दास ने महाकुंभ मेले के दौरान सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं.

महाकुंभ में मुलायम सिंह स्मृति सेवा संस्थान के टेंट में लगी उनकी मूर्ति पर महंत ने सोशल मीडिया पर ‘कठमुल्ला’ जैसे अपशब्दों का इस्तेमाल किया था. सपा ने इसका जबरदस्त विरोध किया था. ऐसे में मुस्कान की मुलाकात को पार्टी ने ‘नेताजी के अपमान का समर्थन’ माना है.

जूही सिंह का सख्त फैसला: ‘तत्काल प्रभाव से मुक्त’

सपा महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह ने सोमवार को एक संक्षिप्त आदेश जारी कर मुस्कान को सभी पदों से पदमुक्त कर दिया. उनकी तरफ से जारी पत्र में लिखा गया है कि आपको तत्काल प्रभाव से समाजवादी महिला सभा के राष्ट्रीय सचिव पद से मुक्त किया जाता है.नेताजी (मुलायम सिंह यादव) हम सबके प्रेरणा स्रोत थे और रहेंगे. यह फैसला कुछ घंटों में ही लिया गया, जो पार्टी की सख्ती को दर्शाता है.

हाल ही में मुस्कान ने अपने साथ बुरे बर्ताव को लेकर लिखा था पत्र

बता दें कि मुस्कान ने एक महीने पहले ही जूही सिंह को पत्र लिखकर पार्टी में अपने साथ हो रहे ‘बुरे बर्ताव’ की शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय सचिव बनने के बाद भी उन्हें उचित सम्मान नहीं मिल रहा. लेकिन इस बार विवाद इतना गहरा हो गया कि कोई सुनवाई नहीं हुई।

मुस्कान बोलीं ‘पता नहीं था, कार्यकर्ता बनी रहूंगी’

निष्कासन के बाद मुस्कान ने एक इंटरव्यू में सफाई दी. उन्होंने कहा, “मुझे महंत राजू दास के बयानों की पूरी जानकारी नहीं थी. मैं सिर्फ आशीर्वाद लेने गई थी. पार्टी से पद छिन गया, लेकिन मैं एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में सपा के लिए काम करती रहूंग, उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. कुछ ने इसे सपा की ‘हिंदू विरोधी’ छवि का प्रमाण बताया, तो कुछ ने पार्टी लाइन का पालन न करने पर सही कार्रवाई करार दिया है.