कौन हैं पूजा पाल? जिन्हें अखिलेश यादव ने पार्टी से निकाला… बर्खास्तगी की इनसाइड स्टोरी
विधायक पूजा पाल को योगी सरकार की प्रशंसा करने के बाद सपा से निष्कासित किया गया है. पार्टी से निकाले जाने पर उन्होंने कहा कि जब सही होगा तो सही बोला जाएगा. बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने इनकार किया है. इस बीच जानिए कौन हैं पूजा पाल.

समाजवादी पार्टी ने विधायक पूजा पाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बीते दिन विधानसभा में विकसित यूपी 2047 पर चर्चा में पूजा पाल ने योगी सरकार का धन्यवाद किया था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी की जीरो टॉलरेंस की नीति महिलाओं का उत्थान किया है. अतीक अहमद से पीड़ित परिवार के लोगों को न्याय दिलाने का काम किया है.
हालांकि, अगले ही दिन पूजा पाल को भरे सदन में योगी सरकार की तारिफ करने का खामियाजा भुगता पड़ा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूजा पाल को पार्टी से बाहर कर दिया. आरोप है कि बार-बार चेताने के बावजूद पूजा पाल ने पार्टी विरोधी गतिविधियां बंद नहीं की. जिससे सपा को नुकसान हुआ है. पूजा पाल के पति राजू पाल की 2005 में हत्या हुई थी, जिसका आरोप आतिक अहमद पर लगा था.
सपा से निकाले जाने के बाद क्या बोलीं पूजा पाल?
पूजा पाल ने अखिलेश यादव पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘मैं सदन में भाषण दे रही तो मुझे लिफाफा मिला जिसमें मेरा निष्कासन था तो जाहिर सी बात है तारीफ के बदले ही निष्कासन हुआ है. मैंने सिर्फ इसलिए राजनीति की क्योंकि मुझे अपने पति की हत्या का इंसाफ नहीं बल्कि उन पीड़ित लोगों को इंसाफ दिलाना था जिनको अतीक अहमद ने प्रसारित कर रखा था और वर्षों से वह भी इंसाफ चाहते थे.’
उन्होंने कहा कि, ‘आपने देखा होगा मैं 2005 से 2023 तक राजनीति में अतीक अहमद को ना सांसद बनने दिया ना विधायक बनने दिया. उनकी राजनीति उसी दिन पता चल गई थी जब इलाहाबाद में हत्या हुई. योगी आदित्यनाथ ने तो कहा था कि जिन अपराधियों ने यह घटना की होने मिट्टी में मिला दिया जाएगा. उसी दिन मैंने उनकी तारीफ की थी और कहा था यह वादा सिर्फ कोई मर्द ही कर सकता है.
अखिलेश यादव ने मेरा साथ कभी नहीं दिया
अखिलेश यादव हमेशा से दोहरी राजनीति करते आए हैं. वह जिस अपराधी माफिया के साथ थे उसी के साथ रहे. उन्होंने पीड़ितों को कभी साथ नहीं दिया मैं भी पीड़ित थी वह मेरा साथ कभी नहीं दे पाए. मैंने तो किसी का नाम लिया नहीं, मैंने तो बस सदन के माध्यम से अपना धन्यवाद दिया था. वहीं, बीजेपी ज्वाइन करने पर उन्होंने कहा, ‘मेरा ऐसा अभी कोई प्लान नहीं है.’ पूजा पाल कौशांबी के चायल सीट से विधायक हैं.
शादी के 10 दिन बाद ही हो गई थी पति का हत्या
पूजा पाल की राजू पाल से जनवरी 2005 में शादी हुई थी. लेकिन शादी के 10 दिन बाद ही राजू पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. राजू पाल उस समय इलाहाबाद पश्चिमी सीट से विधायक थे. हत्या का आरोप माफिया अतिक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा था. इसके बाद बहुजन समाजवादी पार्टी ने पूजा पाल को पति का जगह चुनाव में उतारा, लेकिन अशरफ को जीत मिली और वह बसपा को सीट बरकरार रखने में नाकाम रहीं.
2007 में बसपा से पहली बार बनीं विधायक
पूजा पाल पर साल 2007 के चुनाव में बसपा ने फिर से भरोसा जताया और इलाहाबाद पश्चिमी सीट से उम्मीदवार बनाया. इस बार पूजा पाल ने अशरफ को भारी मतों से पराजित किया. इसके बाद 2012 में भी वह चुनी गईं. हालांकि, इसके बाद साल 2017 के चुनाव में यहां से बीजेपी के सिद्धार्थ नाथ सिंह को जीत मिली. इसके बाद पूजा ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली, जिसने उन्हें 2022 में कौशांबी के चायल सीट से विधायक बनाया.
सपा के खिलाफ क्रॉस वोटिंग का भी आरोप
2022 के चुनाव में सपा ने पूजा पाल को चायल सीट से उतारा, उन्हें कामयाबी मिली और वह दूसरी बार चुनकर विधानसभा पहुंचा. हालांकि, जीत का अंतर का कम रहा, निर्दलीय उतरें नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल पूजा पाल से केवल 13 हजार वोट ही पीछे रहे थे. इस बीच पूजा पाल के बीजेपी की तरफ झुकाव की खबरे भी सामने आई.
पूजा पाल पर हाल में हुए राज्यसभा के चुनाव में सपा के खिलाफ क्रॉस वोटिंग का भी आरोप लगा था. इस मामले में सपा ने तीन विधायकों को पार्टी से बाहर निकाल दी थी. लेकिन पूजा पाल पर कोई एक्शन नहीं लिया गया था, जिसमें वो भी शामिल थीं. वो कई बार बीजेपी के शिर्ष नेतृत्व से भी मिली थी. जिसपर उन्होंने कहा था कि यह पति के हत्यारों के सिलसिले में हुई थी.



