यूपी में विधायक-मंत्रियों की सैलरी में बढ़ोतरी, जानिए अब कितना मिलेगा भत्ता

यूपी में विधायक-मंत्रियों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी की गई है. विधानसभा ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. यह बढ़ोतरी 9 साल बाद हुई है. इससे सरकारी खजाने पर 105 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. जानिए यूपी में विधायकों को अब कितना मिलेगा भत्ता.

सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश विधानसभा ने गुरुवार को विधायकों और मंत्रियों के वेतन और भत्तों में बड़ी बढ़ोतरी को मंजूरी दी है. संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने मानसून सत्र के आखिरी दिन विधायकों, मंत्रियों और पूर्व सदस्यों के वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पेश किया, जिसे चर्चा के बाद पारित कर दिया गया है. यह बढ़ोतरी 9 साल बाद की गई है.

सुरेश खन्ना ने कहा, ‘हम सब जानते हैं कि महंगाई के इस दौर में जनप्रतिनिधियों को अपने कार्यों के संचालन के लिए यह बढ़ोतरी जरूरी थी. 2016 के बाद अब 2025 में इस पर विचार किया गया है, और यह जनहित में लिया गया फैसला है. इस बढ़ोतरी से मौजूदा विधायक और मंत्री के साथ पूर्व सदस्यों और उनके परिवारों को भी आर्थिक राहत मिलेगी.

किसका कितना बढ़ा वेतन और भत्ता?

आखिरी बार अगस्त 2016 में विधायकों के वेतन में संशोधन हुआ था. सुरेश खन्ना ने बताया कि विधायकों का मासिक वेतन अब 25,000 रुपये से बढ़कर 35,000 रुपये हो गया है. मंत्रियों का वेतन 40,000 रुपये से बढ़कर 50,000 रुपये और उपमंत्रियों (हालांकि वर्तमान में कोई उपमंत्री नहीं है) का वेतन 45,000 रुपये निर्धारित किया गया है. इसके अलावा, अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी की गई है.

प्रस्ताव में पूर्व विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों के लिए भी कई लाभकारी प्रावधान शामिल हैं. पूर्व विधान परिषद सदस्यों को 6 वर्ष पूर्ण करने पर 2,000 रुपये प्रति माह की अतिरिक्त पेंशन दी जाएगी. इसके बाद प्रत्येक वर्ष 2,000 रुपये की वृद्धि होगी. यदि किसी सदस्य का कार्यकाल 6 माह या उससे अधिक है, तो उसे पूरे एक वर्ष के रूप में गिना जाएगा.

सरकारी खजाने पर 105 करोड़ का बोझ

इसी क्रम में पारिवारिक पेंशन, जो पहले 25,000 रुपये थी, अब बढ़कर 30,000 रुपये कर दी गई है. पूर्व विधायकों के लिए रेलवे कूपन का प्रावधान भी बढ़ाया गया है. अब उन्हें प्रतिवर्ष 1 लाख रुपये की जगह 1.5 लाख रुपये मिलेंगे, जिसमें 50,000 रुपये रेल और हवाई यात्रा के लिए और 1 लाख रुपये निजी वाहन के पेट्रोल-डीजल के लिए दिए जाएंगे.

सुरेश खन्ना ने बताया कि इस बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर सालाना 105 करोड़ 21 लाख 63 हजार रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. उन्होंने कहा कि चूंकि पिछले 9 वर्षों में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में वृद्धि हुई है, इसलिए यह बढ़ोतरी आवश्यक थी. उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है.

अन्य भत्ता इस प्रकार मिलेगा

  • निर्वाचन क्षेत्र भत्ता: 50,000 रुपये से बढ़कर 75,000 रुपये
  • रेलवे कूपन: 4.25 लाख रुपये से बढ़कर 5 लाख रुपये (परिवर्तनीय)
  • दैनिक सत्र भत्ता: 2,500 रुपये से बढ़कर 3,000 रुपये.
  • जनसेवा कार्यों हेतु दैनिक भत्ता: 1,500 रुपये से बढ़कर 2,000 रुपये
  • सचिवीय भत्ता: 20,000 रुपये से बढ़कर 30,000 रुपये
  • चिकित्सीय भत्ता: 30,000 रुपये से बढ़कर 45,000 रुपये
  • टेलीफोन भत्ता: 6,000 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये
  • पेंशन: 25,000 रुपये से बढ़कर 35,000 रुपये प्रति माह

उत्तर प्रदेश विधानसभा का मैराथन सत्र 27 घंटे से ज्यादा चली. इस दौरान विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश 2047 पर रिकॉर्ड चर्चा की गई. 187 सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया और अपनी बात रखी. जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन कुल ढाई घंटे का रहा. मैराथन सत्र के बाद विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया.