भाई के लिए मांगी मनौती, पूरी हुई हरिद्वार से दंडवत कांवड़ लेकर आया 10 साल का भोला
दस वर्षीय कृष्णा ने अपने 17 वर्षीय कैंसर पीड़ित भाई शिवम की शीघ्र स्वस्थता के लिए शिव मंदिर में मनौती मांगी थी. मनौती पूरी होने पर उसने हरिद्वार से दंडवत कांवड़ यात्रा शुरू की है. शिवम की हालत में सुधार वह खुद भी अपने भाई के साथ इस यात्रा में शामिल है. यह भाईचारे और आस्था की अद्भुत कहानी है जो सावन में सबके दिलों को छू रही है.

इस कलियुग में राम और भरत की तरह दो भाइयों की प्रेम कहानी शायद ही आपको सुनने को मिले. लेकिन इस सावन में ऐसी कई कहानियां सड़कों पर सहज ही नजर आ जा रहीं है. ऐसी ही एक कहानी आज उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में देखने को मिली है. यहां एक 10 साल का बच्चा हरिद्वार से दंडवत कांवड़ लेकर पहुंचा. इस बच्चे ने बताया कि उसके भाई को कैंसर था, उसने शिव मंदिर में मनौती मांगी थी.
शामली जिले के रहने वाले इस 10 वर्षीय बच्चे कृष्णा ने बताया कि उसके भाई शिवम की उम्र 17 साल है. उसे कैंसर की बीमारी थी. काफी इलाज हुआ, लेकिन आखिर में डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर लिए. ऐसे में उसने शिव मंदिर में मनौती मांगी थी कि भाई की बीमारी ठीक हो जाएगी तो वो दंडवत कांवड़ लाएगा. उसकी मनौती के बाद भाई की तबियत में सुधार होने लगा और आज वह बिलकुल ठीक है. बल्कि वह दंडवत कांवड़ में साथ-साथ चल रहा है.
डॉक्टरों ने खड़ कर लिए थे हाथ
कृष्णा के साथ चल रहे परिजनों ने बताया कि वह तो कांवड़ लेकर चल रहा है, लेकिन उसका परिवार भी उसके पीछे पीछे बोल बम का नारा लगाते हुए चल रहा है. शिवम ने बताया कि उसके छोटे भाई ने हर की पैड़ी से जल उठाया और अपने गांव शामली के शिव मंदिर में चढ़ाएगा. शिवम के मुताबिक उसकी बीमारी को देखते हुए डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए थे, लेकिन उसके भाई के प्रेम ने मौत के मुंह से उसकी जिंदगी बचा ली है.
सड़क साफ करते चल रहा परिवार
शिवम के मुताबिक उसका भाई लेट लेट कर आगे बढ़ रहा है और रोजाना मुश्किल से 10 किमी की यात्रा कर पाता है. उसकी यात्रा में वह ना केवल खुद शामिल हुआ, बल्कि उसका पूरा परिवार साथ चल रहा है. इस दौरान भाई को कोई कंकर पत्थर ना चुभे, इसके लिए परिवार के लोग उसके आगे आगे सड़क की सफाई करते चल रहे हैं.



