इलाहाबाद HC के जज यशवंत वर्मा की याचिका पर SC में सुनवाई कल, जांच रिपोर्ट को दी है चुनौती
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी. जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच कमेटी की रिपोर्ट को अमान्य करार दिया है. जस्टिस वर्मा का आरोप है कि उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिए बिना ही दोषी ठहराया गया है.

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (28 जुलाई) को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा की याचिका पर सुनवाई होगी. उन्होंने दायर याचिका में दोषी ठहराने वाली कमेटी की रिपोर्ट को चुनौती दी है. कमेटी ने जस्टिस वर्मा को हटाने का प्रस्ताव लाने की सिफारिश की थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपंकर दत्ता और एजी मसीह की बेंच याचिका पर सुनवाई करेगी.
दिल्ली में जस्टिस वर्मा के आवास पर बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी बरामद हुई थी, जिसके बाद उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था. मामला तूल पकड़ने के बाद जांच के लिए तीन जजों की एक कमेटी बनाई गई. जिसमें जस्टिस वर्मा को दोषी ठहराया गया और हटना की सिफारिश की गई थी. वहीं, जस्टिस वर्मा ने याचिका में आंतरिक जांच कमेटी की रिपोर्ट को अमान्य करार दिया है.
सुनवाई का मौका दिए बिना दोषी ठहराया गया
जस्टिस वर्मा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिए बिना ही दोषी ठहराया गया है. उन्होंने तीन जजों की जांच पैनल पर निष्पक्ष सुनवाई के बिना निष्कर्ष निकालने का आरोप लगाया है. साथ ही तत्कालीन CJI संजीव खन्ना द्वारा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को हटाने की दी गई सिफारिश को रद्द करने की भी मांग की गई है.
मानसून सत्र में महाभियोग लाने की भी तैयारी
जस्टिस यशवंत वर्मा के सामने दो धारी तलवार लटकी हुई है. एक तरफ सुप्रीम कोर्ट उन्हें हटाने की सिफारिश सरकार से कर चुका है. वहीं, दूसरी ओर से सरकार संसद द्वारा उनके खिलाफ महाभियोग लाने की अधिसूचना जारी कर चुका है. ऐसे में उनके पास बचने के लिए इस्तीफ़ा ही एकमात्र विकल्प है. क्योंकि, अगर उन्हें संसद द्वारा हटा दिया जाता है, तो उन्हें पेंशन समेत कई सुविधाएं नहीं मिलेंगी.
महाभियोग के लिए कितने सांसदों का समर्थन जरूरी
केंद्र सरकार संसद की चालू मानसून सत्र में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने जा रही है. संसद के दोनों सदनों में से किसी में भी प्रस्ताव लाया जा सकता है. जस्टिस वर्मा को महाभियोग के जरिए हटाने के लिए राज्यसभा में कम से कम 50 और लोकसभा में 100 सदस्यों का समर्थन जरूरी है. मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू है, जो 12 अगस्त तक चलेगा.



