पिता करते थे पिटाई, जान देने जा रही थी बच्ची तभी आया ‘फरिश्ता’ और स्कूल में हो गया एडमिशन

औरैया में पिता की पिटाई से तंग एक 7 साल की बच्ची ने आत्महत्या का प्रयास किया. तभी एक युवक ने न केवल उसे बचाया बल्कि गोद ले लिया. उसने बच्ची का स्कूल में एडमिशन करा दिया है. अब उसे स्कूल जाते देखा जा सकता है.

पिटाई से परेशान थी बच्ची

उत्तर प्रदेश के औरैया से एक ऐसा मामला सामने आया, जिसकी शुरुआत तो काफी दर्दनाक थी, लेकिन आखिरकार हैप्पी एंडिग देखने को मिली. एक 7 साल की बच्ची अपने पिता द्वारा पिटाई से परेशान होकर जान देने के मकसद से घर से निकल पड़ी और ट्रेन की पटरी तक पहुंच गई. वो कटकर अपनी जान देना चाहती थी. लेकिन तभी एक शख्स उसके लिए फरिस्ता बनकर आ गया और समय रहते उसकी जान बचा ली.

इसके बाद जब उसने बच्ची से इसकी वजह पूछी तो उसने आप बीती सुनाई. बच्ची ने बताया कि उसकी मां की मानसिक हाालत ठीक नहीं है और पिता रोजाना बेरहमी से उसकी पिटाई करते हैं, इसी वजह से वो आत्महत्या करने जा रही थी.

बच्ची ने ये बताया

घटना अछल्दा थाना क्षेत्र की है. मंगलवार सुबह 7 साल की मासूम बच्ची रेलवे ट्रैक के पास अकेली घूमती दिखाई दी. मोहल्ले के कुछ लोगों ने इसकी सूचना डायल 112 के जरिए पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची से पूछताछ की. उसने पिटाई के साथ- साथ घर का सारा काम करवाने और पढ़ाई करने से रोकने का भी आरोप लगाया. उसने बताया कि पिता उसे एक बार छत से धक्का भी दे चुके हैं.

एक शख्स बना फरिश्ता

बच्ची की मां की मानसिक हालत ठीक नहीं है. इसलिए घर का माहौल और भी खराब है. स्थिति को देखते हुए बजरंग नगर के रहने वाले चंदन राजपूत ने रोशनी को गोद लेने का फैसला किया. चंदन सिलाई करने का काम करते हैं. उनका एक बेटा तो है लेकिन कोई बेटी नहीं है. उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत बच्ची को स्वीकार कर लिया.

गोद लेने के बाद उन्होंने रोशनी का लॉरेंस इंटरनेशनल स्कूल में एडमिशन करा दिया. उसके लिए नई यूनिफॉर्म, किताबें और कपड़े भी खरीदे. अब वो स्कूल जा रही है. इस काम के चलते चंदन की काफी तारीफ हो रही है. लोग उन्हें बच्ची को नई जिंदगी देने वाला फरिश्ता करार दे रहे है.