हनुमानगढ़ी में VVIP दर्शन को लेकर संतों के बीच टकराव, आयोजनों के बहिष्कार का ऐलान
हनुमानगढ़ी, अयोध्या में VVIP दर्शन को लेकर संतों के बीच गहरा विवाद छिड़ गया है. उज्जैनिया पट्टी के संतों ने सागरिया पट्टी पर VVIP दर्शन कराने का आरोप लगाया है. साथ ही उनके भोज भंडार और आयोजनों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. SSP अयोध्या से शिकायत की तैयारी है.
सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी में श्रद्धालुओं को वीवीआईपी दर्शन कराने को लेकर संतों के बीच आपसी विवाद गहराता जा रहा है. इस मामले को लेकर उज्जैनिया पट्टी के संत महंतो ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की. इसमें सग़रिया पट्टी के संत महंतो से भोज भंडार से लेकर सभी प्रकार के आयोजन में न शामिल होने का ऐलान कर दिया है.
सगरिया पट्टी के साधु संतों की बैठक महंत संतराम दास की अध्यक्षता में की गई. इस बैठक में 40 से अधिक संत महंतो ने हिस्सा लिया. बैठक में घंटों तक गहमा गहमी चलती रही. बीच–बीच में संतो के आक्रोशित वार्तालाप भी होते रहे. घंटों तक चली बैठक के बाद सभी संत महंतो ने किसी भी आयोजनों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया.
क्या है साधू- संतों का पूरा मामला?
बीते तीन दिन पहले सागरिया पट्टी के संबंधित कुछ लोग हनुमानगढ़ी में श्रद्धालुओं को वीवीआईपी दर्शन कराने को लेकर गए हुए थे. उस दौरान उज्जैनिया पट्टी के पुजारी तुलसी दास मौजूद थे. उस दौरान सगरिया पट्टी से दर्शन कराने आने वाले लोगों ने तुसली दास से उनके लाए गए श्रद्धालुओं को वीवीआईपी दर्शन करने को कहा.
इसपर तुलसी दास ने एतराज़ जताया, जिसके बाद बात गाली गलौज और बाहर निकलने पर मारपीट की धमकी तक बढ़ गई. जिसके बाद विवाद को लेकर सभी पट्टी के महंतो से शिकायत भी की गई. साथ ही हनुमानगढ़ी के गद्दी नशीन जी की अध्यक्षता में दो दिन पहले हनुमानगढ़ी में एक बैठक बुलाई गई.
भोज भंडार जैसे आयोजन में शामिल नहीं होगा
लेकिन संतों का कहना है कि इस बैठक में सागरिया पट्टी का कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ. अगर वो इस बैठक में शामिल होते और माफ़ी मांग लेते तो ये विवाद उसी दिन समाप्त हो जाता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसको लेकर आज उज्जैनिया पट्टी के महंत संत राम दास की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई.
बैठक में सभी पंचों की एक राय से ये फैसला लिया गया कि उज्जैनिया पट्टी आज से सागरिया पट्टी के किसी भी भोज भंडार या किसी अन्य आयोजन में शामिल नहीं होगा, और इस मामले को लेकर वो ssp अयोध्या को करवाही करने को लेकर लिखित शिकायत भी करेंगे, इस के बाद सभी संत महंतो ने हनुमानगढ़ी के निकासी द्वार पर पहुंच कर वहां पर नारे बाज़ी और विरोध प्रदर्शन भी किया है.