अवध में आज उत्सव है भारी… राम आए तो कैसे मनी थी दिवाली, आज क्या है तैयारी?

आज यानी 19 अक्टूबर को आयोध्या के सरयू तट पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन हो रहा है. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. 14 साल की वनवास के बाद भगवान राम का स्वागत भी इसी तरह दीयों को जलाकर किया गया है.

आयोध्या दीपोत्सव Image Credit:

इस साल आयोध्या के सरयू तट पर 9वां दीपोत्सव आयोजित होने जा रहा है. माना जा रहा है कि यह दीपोत्सव पहले से भी भव्य तरीके मनाया जाएगा. यहां अबकी बार 29 लाख दीये जलाएं जाएंगे. इसके लिए राम की पैड़ी पर 56 घाटों पर 30,000 स्वयंसेवकों ने 29 लाख दीये सजा दिए हैं. पिछले बार यहां 26 लाख 11 हजार 101 दीये जलाए गए थे जिसका रिकॉर्ड टूट जाएगा.

रामचरित मानस के उत्तरकांड के मुताबिक जब भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद वापस आयोध्या लौटे थे तो इसी तरह दीयों की कतारें जलाकर उनका स्वागत किया गया था. इस दौरान सभी आयोध्यावासी उनके आशीर्वाद और स्वागत के लिए उमड़ पड़े थे.

स्वागत के लिए पहुंची थीं राजा दशरथ की तीनों रानियां

वाल्मिकी रामायण के अनुसार रावण का वध करने के बाद लंका से भगवान राम, लक्ष्मण देवी सीता और हनुमान सबसे पहले आयोध्या के नंदीग्राम नाम के एक जगह पर उतरे थे. इस दौरान उनके स्वागत के लिए अयोध्या के सभी आठों मंत्री के साथ-साथ राजा दशरथ की तीनों रानियां हाथियों पर सवार होकर उनके स्वागत के लिए पहुंची थीं.

फूलों की बारिश से किया गया स्वागत

नंदीग्राम में एक दिन रुकने के बाद जब भगवान राम ने आयोध्या में अपने महल की तरफ प्रस्थान किया तो फूलों की बारिश से उनका स्वागत किया गया. इस दौरान क्या स्त्री, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी अपनी अटरियों से भगवान राम के दर्शन करते हुए उनका अभिनंदन कर रहे थे.

पूरे शहर को सजाया गया था

वाल्मिकी रामायण के मुताबिक इस दौरान नगरवासियों ने अपने सोने के कलशों को सजाकर अपने दरवाजों पर रख लिया. इसके अलावा घर के आंगन में बंदनवार, ध्वजा और पताकाएं लगाईं. गलियों को इत्रों से सुंगधित किया गया. चौकें पुराई गईं. सुंदर मंगल साज सजाए गए. इसके अलावा भगवान राम के स्वागत में पूरे शहर को सजाते हुए डंके बजाए गए थे.

महिलाएं मंगल गीत गाकर भगवान राम का कर रही थीं स्वागत

इस मौके पर स्त्रियां सोने के थालों में अनेकों प्रकार की आरती सजाकर मंगलगीत करते हुए भगवान राम को आशीर्वाद दे रही थीं. सभी तरह के शुभ शकुन कर रही थी. आकाश में नगारे बज रहे. इस दौरान सबसे पहले भगवान राम ने हरएक का अपने दर्शन से कृतार्थ करने के बाद अपने महल के लिए रवाना हुए थे. वहां भी उनका भव्य स्वागत किया गया और पूरे महल को दीयों से सजाया गया था.