ना डॉक्टर, ना दवा… सिगरेट का सिर्फ एक कश और दर्द काफूर! 8वीं पास युवक की बागपत में ‘बाबा गिरी’

उत्तर प्रदेश के बागपत में एक पूर्व मूंगफली विक्रेता अब 'सिगरेट बाबा' के रूप में चर्चा में है, जो सिगरेट के धुएं से बीमारियों का इलाज करने का दावा करता है. लोग इसे आस्था और चमत्कार मानते हैं, वहीं कई इसे अंधविश्वास और अवैध वसूली का खेल बता रहे हैं. ₹100-₹300 की पर्ची और महंगे 'प्रसाद' के नाम पर बाबा रोजाना हजारों की कमाई कर रहा है, जिससे आस्था और पाखंड पर बहस छिड़ गई है.

बागपत में सिगरेट बाबा का खेल


उत्तर प्रदेश के बागपत में इस समय एक बाबा की ‘बाबा गिरी’ इस समय सुर्खियों में है. एक साल पहले तक सड़कों पर घूमकर मूंगफली बेचने वाला युवक अचानक बाबा बन गया. यही नहीं, उसने आश्रम खोलकर लोगों के दर्द का अनोखे तरीके से इलाज करने लगा. इस बाबा के आश्रम में ना कोई डॉक्टर है और ना ही दवाई, लेकिन दर्द के पूरे इलाज का दावा किया जाता है. यह इलाज भी सिगरेट के धुएं से होता है. लोगों का दावा है कि इससे दर्द ठीक भी हो रहा है.

कुछ लोग इसे आस्था और चमत्कार बता रहे हैं, तो कई लोग इसे खुला अंधविश्वास और अवैध वसूली का खेल मान रहे हैं. बताया जा रहा है कि दरबार लगाकर बैठे इस बाबा का असली नाम सुरेंद्र उर्फ शौकीन है. करीब एक साल पहले तक यह आदमी बड़ौत–मुजफ्फरनगर मार्ग पर सड़क किनारे मूंगफली बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. इस धंधे में कई बार उसे इतनी भी कमाई नहीं होती कि दो जून की रोटी का जुगाड़ हो सके.

अचानक बदल गई किस्मत और पहचान

अचानक एक दिन उसके दिमाग में आइडिया आया और वह बाबा बन बैठा. इसके बाद तो उसकी किस्मत और पहचान ही बदल गई. हाल तक मूंगफली बेचने वाला शौकीन अब सिगरेट बाबा बन सिरदर्द, बुखार, बदन दर्द, रोजगार संकट, पारिवारिक कलह का इलाज करने लगा. यहां तक कि भूत-प्रेत भगाने का भी दावा करता है. बड़ी बात यह कि उसके दरबार में दिल्ली, हरियाणा और बागपत समेत आसपास के कई जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं.

300 रुपये में इमरजेंसी दर्शन

वैसे तो इस बाबा के दरबार में आने की सामान्य फीस 100 रुपये है, लेकिन यदि आपको जल्दी है तो 300 रुपये की पर्ची कटानी होगी. नंबर आने पर बाबा के चेले आपको बाबा के सामने बैठाएंगे. करीब 30 से 40 सेकंड तक भजन बजेगा और अचानक बाबा गर्दन हिलेगी और भजन बंद हो जाएगा. इसके बाद बाबा सिगरेट का लंबा कस लगाकर धुआं छोड़ देगा. इसी के साथ दर्द भी खत्म होने का दावा किया जाता है.

खुद की दुकानदारी भी है

इस बाबा की बाबागिरी के साथ अपनी दुकानदारी भी है. दरअसल बाबा के दरबार में सिगरेट और पतासे का प्रसाद चढ़ाया जाता है. यह सिगरेट और पतासे बाहर से खरीद कर लाने की मनाही है, बल्कि प्रसाद में चढ़ाए जाने वाले सिगरेट का पैकेट और पतासे बाबा की अपनी दुकान से ही खरीदना होता है. बताया जा रहा है कि इलाज और प्रसाद के नाम पर बाबा के दरबार में रोजाना 50 हजार रुपये से भी अधिक की वसूली होती है.