नया तरीका या कोई बड़ी साजिश? बलिया के बाद बरेली में भीख मांगती मिली जींस-टॉप वाली युवतियां, मचा हंगामा तो पहुंची पुलिस; फिर…

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में युवतियां जींस-टॉप पहनकर सड़क पर भीख मांगती हुई दिखाई दीं. इनकी संख्या 9 थी. पुलिस की जांच में सामने आया कि वे आर्थिक तंगी का सामना कर रही हैं. इसके पहले बलिया से भी ऐसी कई लड़कियों को भीख मांगते हुए देखा गया था. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है कि क्या ये किसी गिरोह का हिस्सा तो नहीं हैं.

भीख मांगते हुए गईं युवतियां

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में आंवला-बदायूं रोड पर नौ युवतियां जींस-टॉप पहनकर सड़क पर घूमती हुई दिखाई दीं. युवतियों ने रुककर लोगों से मदद की गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि वो बहुत परेशान हैं. घर के हालत भी ठीक नहीं है. उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है. कई लोगों ने इनकी बातों में आकर 100-200 रुपये की मदद दी. लेकिन, कुछ लोगों को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को इसके बारे में बताया.

इसके पहले बलिया जिले में भी 5 जून को सड़क किनारे जींस और टीशर्ट पहने चार लड़कियां भीख मांगते हुए मिलीं थीं. जांच में सामने आया था कि ये लड़कियां गुजरात से आई हुई हैं और बलिया रेलवे स्टेशन के पास धर्मशाला में रह रही हैं. पुलिस ने इन्हें महिला थाने में भेजकर जांच शुरू कर दी है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या ये लड़कियां किसी मानव तस्करी का शिकार हैं या कोई दूसरी मजबूरी में फंसी हुई हैं.

पुलिस की जांच में हुआ खुलासा

सूचना मिलते ही आंवला की पुलिस वहां पहुंची और सभी युवतियों को पकड़कर थाने ले आई. पूछताछ में पता चला कि ये सभी युवतियां गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि ये बरेली कैसे पहुंचीं इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. पुलिस ने बताया कि ये युवतियां सड़क पर खड़े होकर राहगीरों को इमोशनल बातें बताकर पैसे मांग रही थीं. इस वजह से शांति व्यवस्था में बाधा पहुंच रही थी.

पुलिस की पूछताछ में युवतियों ने अपने नाम उर्मी (28), नीतू (25), कुसुम (25), अंजलि (21), सुनीता (26), रीना (20), मनीषा (20), पूनम (25) और टीना (26) बताया है. ऐसे में सभी के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई करते हुए एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया है. यहां से उन्हें दो-दो लाख के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया.

एक बड़े गिरोह का शक

स्थानीय लोगों ने पूछताछ में बताया कि यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है. संभावना है कि ये कोई बड़ा गिरोह हो सकता है, जो अलग-अलग इलाकों में इसी तरह की हरकतें करता है. कुछ लोगों ने यह भी कहा कि अगर कोई उन्हें पैसे न दे, तो ये लड़कियां झूठे आरोप भी लगा सकती हैं. पुलिस भी इस बात की जांच कर रही है कि क्या इनके साथ और लोग भी इलाके में सक्रिय हैं.

आंवला कोतवाल कुंवर बहादुर सिंह ने बताया कि युवतियों को थाने लाकर पूछताछ की गई जा रही है. उन्होंने बताया कि वे आर्थिक तंगी की वजह से ऐसा कर रही थीं. लेकिन, इस तरह सड़क पर लोगों से पैसे मांगना, वह भी दूसरे राज्य से आकर, कानूनन गलत है. इसलिए शांतिभंग में चालान किया गया और कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया.

पुलिस ने लोगों को दी सतर्कता की सलाह

इस मामले के बाद पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि अगर कोई इस तरह से सड़क पर मदद मांगता नजर आए, तो बिना पुष्टि के पैसे न दें. साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें. सतर्कता के प्रति चेतावनी देते हुए कहा कि कई बार ऐसे मामलों के पीछे कोई बड़ा नेटवर्क होने की आशंका जताई. ऐसे में शहर की कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है. फिलहाल, सभी युवतियां जमानत पर बाहर हैं लेकिन, पुलिस इनके पुराने रिकॉर्ड और बाकी साथियों की तलाश में जुट गई है.