एक ही महीने में 3 बार मरा ‘अच्छन’, 3 विधवाओं ने पेंशन भी लिया; कैसे हुआ फर्जीवाड़ा… हैरान कर देगी बरेली की कहानी

उत्तर प्रदेश के बरेली में एक अजीबोगरीब पेंशन फर्जीवाड़ा सामने आया है. जालसाजों ने 'अच्छन' नामक काल्पनिक व्यक्ति को एक ही महीने में तीन बार मृत दिखाकर, तीन अलग-अलग विधवाओं के नाम पर पेंशन हड़प ली. अधिकारियों को इसकी जानकारी होने पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

सांकेतिक तस्वीर Image Credit:

उत्तर प्रदेश के बरेली में जालसाजों ने एक ऐसा फर्जीवाड़ा किया है, जिसे देखकर अब अफसर भी हैरान हैं. दरअसल विधवा पेंशन के लिए यहां जालसाजों ने एक ऐसे व्यक्ति की एक ही महीने में तीन बार मौत दिखा दी, जिसका कभी कोई अस्तित्व ही नहीं रहा. यही नहीं, तीनों बार उस व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र भी इश्यू कराया और तीनों बार अलग अलग विधवाओं के अलग एकाउंट में पेंशन भी शुरू करा लिया. अब मामला प्रकाश में आने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) ने जिला महिला कल्याण अधिकारी से रिपोर्ट तलब की है.

मामला बरेली के मजनूपुर गांव का है. जानकारी के मुताबिक जालसाजों ने अच्छन नामक व्यक्ति की साल 2019 के मार्च महीने में तीन बार मौत दिखाई. इसमें पहली मौत की तारीख 10 मार्च को बताई गई और 15 मार्च को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुआ. इसके बाद दूसरी मौत 18 मार्च को बताई गई, जिसका सार्टिफकेट 27 मार्च को जारी हुआ. इसी प्रकार 25 मार्च को तीसरी बार मौत दिखाकर 30 मार्च को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करा लिया गया. यही नहीं, इन तीनों ही मौतों की रिपोर्ट लगाकर तीन अलग-अलग विधवाओं के नाम से बैंक खातों में पेंशन भी इश्यू करा लिया गया.

पूरा मामला ही फर्जी

मामले का खुलासा होने पर मुख्य विकास अधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी से मामले की जांच कराई. इसके बाद पेंशन रोकने और अब तक जारी हुई पेंशन की राशि की रिकवरी की कवायद शुरू की गई है. इसी क्रम में जिला पंचायत राज अधिकारी ने महिला कल्याण अधिकारी से लाभार्थी महिलाओं के नाम पते समेत पूरी रिपोर्ट तलब की है. उधर, मामले के खुलासे के बाद हड़कंप मचा तो पंचायत सचिव ने भी ब्लाक ऑफिस में रिपोर्ट दाखिल की है. इसमें बताया कि गांव में अच्छन नाम का कोई व्यक्ति ही नहीं था. पंचायत सचिव ने इस मामले को ही फर्जी बताया है.

ऑफ लाइन बने सार्टिफिकेट

एडीओ पंचायत मनीष अग्रवाल के मुताबिक साल 2019 में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी होने लगे थे. बावजूद इसके अच्छन खां नामक व्यक्ति की मौत पर बनाए गए तीनों मृत्यु प्रमाणपत्र ऑफलाइन बने हैं. जाहिर सी बात है कि इसमें धोखाधड़ी हुई है. इस संबंध में तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी शिप्रा सिंह से भी पूछताछ की गई है. इसमें उन्होंने बताया है कि उन्होंने कोई ऑफलाइन प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है और ना ही वह किसी अच्छन के बारे में जानती हैं. वहीं ग्राम प्रधान शकील ने बताया कि अच्छन खां नाम का कोई व्यक्ति उनके पूरे गांव में कभी नहीं रहा.