ब्यूरोक्रेसी से खेल के मैदान तक: अब पूर्व IAS नवनीत सहगल संभालेंगे UP वुमेन क्रिकेट गवर्निंग काउंसिल की कमान

यूपीसीए के एजीएम बैठक में पूर्व आईएस नवनीत कुमार सहगल वुमेन क्रिकेट गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन बनाए गए हैं. इसके अलावा 9 और नियुक्तियां की गई हैं. माना जा रहा है कि इनमें से अधिकतर नियुक्तियां जल्द होने वाले महिला क्रिकेट लीग के सफल आयोजन के मद्देनजर की गई हैं.

पूर्व IAS नवनीत सहगल Image Credit:

उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) ने राज्य में महिला क्रिकेट को मजबूत करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. कानपुर में यूपीसीए की सालाना आम सभा (एजीएम) में लखनऊ के कद को बढ़ाते हुए नौ नए पदाधिकारियों को शामिल किया गया. इसके अलावा प्रसार भारती के चेयरमैन और पूर्व आईएएस अधिकारी डॉ. नवनीत सहगल महिला क्रिकेट गवर्निंग काउंसिल का चेयरमैन बनाया गया है.

माना जा रहा है कि यह नियुक्ति यूपीसीए की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है. प्रदेश में पुरुषों की सफल यूपी टी-20 लीग के बाद अब महिलाओं की टी-20 लीग का आयोजन किया जाना है. नवनीत सहगल की अगुवाई में यह लीग न केवल प्रतिभाओं को निखारेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में सबसे आगे खड़ा करने बड़ा कदम साबित हो सकती है.

महिला क्रिकेट को मिलेगी मजबूती

यूपीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डॉ. सहगल का अनुभव और विजन महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा. उनकी नियुक्ति से लखनऊ का दखल पूरे राज्य के क्रिकेट तंत्र में बढ़ेगा. साथ ही महिला क्रिकेट को मजबूत पंख मिलेगा और राज्य से देश के लिए और भी प्रतिभाशाली क्रिकेटर्स निखर कर आएंगी.

कौन हैं डॉ. नवनीत सहगल? प्रशासन से क्रिकेट तक का सफर

डॉ. नवनीत कुमार सहगल कोई साधारण नाम नहीं हैं. वह उत्तर प्रदेश की नौकरशाही के सबसे प्रभावशाली चेहरों में शुमार हैं. 1963 में पंजाब के फरीदकोट में जन्मे सहगल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हरियाणा के अंबाला और भिवानी से पूरी की. 1988 बैच के आईएएस अधिकारी के रूप में उन्होंने 35 वर्षों तक सेवा दी.

प्रसार भारती के चेयरमैन भी हैं नवनीत सहगल

2023 में रिटायरमेंट के बाद भी नवनीत कुमार सहगल का सफर थमा नहीं. मार्च 2024 में उन्हें भारत सरकार की तरफ प्रसार भारती का चेयरमैन नियुक्त किया गया. वह आज भी देश के सबसे बड़े सार्वजनिक प्रसारक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो की कमान संभाल रहे हैं.

ऐसा रहा नवनीत सहगल का एडमिनिस्ट्रेटिव करियर

सहगल का करियर राजनीतिक परिवर्तनों की आंधी में भी अटल रहा. मायावती सरकार में लखनऊ के डीएम. फिर उनके प्रमुख सचिव के रूप में उन्होंने अपनी विनम्रता और कुशलता से सबका लोहा मनवाया. अखिलेश यादव के शासनकाल में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का चार्ज संभालते हुए उन्होंने मीडिया और जनसंपर्क को नई ऊर्जा दी. योगी आदित्यनाथ सरकार में अपर मुख्य सचिव के रूप में सूचना, खेल एवं युवा कल्याण MSME विभाग की जिम्मेदारी निभाते हुए उन्होंने ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) जैसी योजनाओं को बढ़ावा दिया और युवा सशक्तिकरण पर फोकस किया.

विपक्षी दल भी नवनीत सहगल की करते हैं तारीफ

नवनीत कुमार सहगल का हर सरकार में गहरा प्रभाव रहा है. विपक्षी दलों ने भी उनकी प्रशंसा करते रहे हैं. रिटायरमेंट के समय कईयों ने अनुमान लगाया था कि वह राजनीति में कदम रखेंगे, लेकिन सहगल ने फिर से सर्विस सेक्टर को ही चुना. खेलों से उनका गहरा जुड़ाव रहा है. खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रमुख के तौर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश में खेल बुनियादी ढांचे को मजबूत किया.

यूपीसीए में उनकी नियुक्ति इसलिए भी स्वाभाविक लगती है, क्योंकि सहगल ने हमेशा युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया है. एक सहयोगी ने बताया कि सहगल साहब का विजन हमेशा समावेशी रहा है. महिला क्रिकेट में उनकी भूमिका से नई प्रतिभाएं उभरेंगी, जो राष्ट्रीय स्तर पर यूपी का नाम रोशन करेंगी.

नई जिम्मेदारियां, नई उम्मीदें

एजीएम में लखनऊ के प्रति यूपीसीए का यह झुकाव साफ दिखा. डॉ. सहगल के अलावा पूर्व अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेटर प्रियंका शैली को महिला क्रिकेट गवर्निंग काउंसिल का चेयरपर्सन बनाया गया. वह लंबे समय से लखनऊ में महिला क्रिकेट को बढ़ावा दे रही हैं. नवनीत कुमार सहगल के साथ मिलकर वह लीग की रूपरेखा तैयार करेंगी. वहीं, पूर्व रणजी खिलाड़ी कमलकांत कनौजिया को जूनियर सिलेक्शन कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया. वह युवा प्रतिभाओं को निखारने में अहम भूमिका निभाएंगे.

अन्य नियुक्तियां भी लखनऊ केंद्रित

सीएएल के सचिव केएम खान को एडवाइजरी कमेटी में जगह, बीसीसीआई लेवल वन अंपायर एसपी सिंह को अंपायर कमेटी का कन्वीनर, रत्नेश मिश्रा को क्रिकेट टैलेंट कमेटी का सदस्य, अभिनव दीक्षित और श्वेता सिंह को महिला क्रिकेट गवर्निंग काउंसिल के सदस्य, तथा फैसल अल्वी को डिफरेंटली एबल्ड कमेटी का चेयरमैन बनाया गया. इन सभी फैसलों से यूपीसीए में लखनऊ का दखल बढ़ेगा, जो राज्य के क्रिकेट को अधिक समावेशी और प्रतिस्पर्धी बनाएगा.

महिला क्रिकेट लीग का होना है आयोजन

यूपीसीए की यह पहल पुरुष टी-20 लीग की सफलता से प्रेरित है. अब महिलाओं की लीग से न केवल खेल को लिंग-तटस्थ बनाया जाएगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी लड़कियों को मौका मिलेगा. सहगल ने कहा कि महिला क्रिकेट उत्तर प्रदेश की धरोहर है. हमारी लीग नई हार्मोनीम (हार्मोनीम?) की तरह होगी. सभी को एकजुट करेगी.