यूपी में कैसे खोल सकते हैं गैस एजेंसी, क्या होता है नियम, किन विभागों से लेनी पड़ती है NOC

गैस एजेंसी खोलने के लिए आपको कुछ जरूरी योग्यताएं पूरी करनी होती हैं. अलग-अलग विभागों से एनओसी की भी जरूरत पड़ती है. इसके अलावा GST रजिस्ट्रेशन और जमीन से संबंधित दस्तावेजों की भी आवश्यकता पड़ती है. साथ ही एलपीजी अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ है जिसे बहुत ही सावधानी से हैंडल करना होता है. ऐसे में सरकार की तरफ कई बातों पर गौर करने के बाद ही आवेदक गैस एजेंसी की अलॉमेंट की जाती है.

यूपी में गैस एजेंसी खोलने के नियम (फाइल फोटो0 Image Credit:

आज के वक्त में बिना एलपीजी(LPG) के आप अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. देशभर के अधिकांश घरों में खाना पकाने के लिए एलपीजी का ही इस्तेमाल होता है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए भी गैस एजेंसी खोलना एक बेहतर बिजनेस आइडिया हो सकता है. हालांकि, एलपीजी को ज्वलनशील पदार्थ माना जाता है. ऐसे में इसके लाइसेंस को हासिल करने के लिए भी कई शर्तों को पूरा करना होता है.

सबसे पहले आपको अपने इलाके का सर्वे करना पड़ेगा. आपको यह पता करना होगा कि आप अर्बन, रूर्बन, ग्रामीण और दुर्गम किस तरह के क्षेत्र में एजेंसी खोलना चाहते हैं. दरअसल, गैस एजेंसी खोलने के लिए चार तरह के डिस्ट्रिब्यूटरशिप आते हैं. शहरी वितरक, रूर्बन वितरक, ग्रामीण वितरक और दुर्गम क्षेत्रीय वितरक. आप जिस भी इलाके में एजेंसी को खोलना चाहते हैं , उसी के हिसाब से आपको अप्लाई करना होगा.

जानें किसे मिलती है गैस एजेंसी

गैस एजेंसी खोलने के लिए आपको कुछ जरूरी योग्यताएं पूरी करनी होंगी. आवेदन करने वाला भारतीय नागरिक होना चाहिए. साथ ही उसकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास होना चाहिए. इसके अलावा उम्र 21 से 60 साल के बीच होनी चाहिए. इसके साथ ही आवेदक के परिवार का कोई भी सदस्य OMC का सदस्य या कर्मचारी नहीं होना चाहिए.

नोटिफिकेशन निकलने पर करें अप्लाई

बता दें भारत में तीन मुख्य तरह की गैस मार्केटिंग कंपनियां हैं. भारत गैस, इंडेन गैस और एचपी गैस. ये तीनों ही सरकारी संस्था हैं. ये कंपनियां समय-समय पर अखबारों और वेबसाइट पर गैस एजेंसी खोलने के लिए एडवर्टाइजमेंट निकालती है. ऐसे में जब इन एडवर्टाइजमेंट का नोटिफिकेशन जारी हो तो आप एलपीजी वितरक चयन की ऑफिशियल वेबसाइट या फिर उस कंपनी के अधिकारिक दफ्तर पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं.

यहां आपको अप्लाई करना होगा.

आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको एलपीजी वितरक चयन( https://www.lpgvitarakchayan.in/) वेबसाइट पर जाना होगा. पहले वेबसाइट पर मोबाइल और ओटीपी के जरिए खुद को रजिस्टर करना होगा. फिर इसके बाद ही आप डिस्ट्रिब्यूरशिप के अप्लाई के लिए एलिजिबल होंगे. गैस एजेंसी के लिए अप्लाई के विकल्प क्लिक करने के बाद एक फॉर्म खुलकर सामने आएगा. मांगी गई सभी जानकारियों को भरकर और आवेदन शुल्क जमा कर सब्मिट के बटन पर क्लिक कर दें. स्क्रीन पर सब्मिटेड लिखकर आते ही समझ जाइए आपने इस योजना के लिए अप्लाई कर दिया है.

देना पड़ेगा इतना आवेदन शुल्क

गैस एजेंसी के आवेदन करने के लिए आपको शू्ल्क का भी भुगतान करना होता है. शहरी वितरक और रूर्बन वितरक एजेंसी के लिए 10,000 रुपये आवेदन शुल्क है जबकि ओबीसी के लिए 5,000 रुपये और एससी/एसटी के लिए 3,000 रुपये है. ग्रामीण वितरक और दुर्गम क्षेत्रीय वितरक एजेंसी के लिए आवेदन शुल्क 8,000 रुपये है. ओबीसी के लिए यह शुल्क 4,000 और एससी/एसटी के लिए 2500 रुपये की फी है.

फील्ड वेरिफिकेशन से पहले 10 प्रतिशत जमा करना होगा.

यदि गैस एजेंसी खोलने के लिए आपका सेलेक्शन हो जाता है तो गैस कंपनियों से आपको इंटरव्यू के लिए बुलावा आएगा. इसके बाद गैस मार्केटिंग कंपनी की तरफ से एक अधिकारी फील्ड वेरिफिकेशन के लिए आपके बताए गए  कार्यालय और गोदाम पर विजिट करेगा. लेकिन उससे पहले आवेदकों को अपने सारे डॉक्यूमेंट और डिपॉजिट का 10% भुगतान करना होगा.

इतनी है डिपॉजिट राशि

बता दें शहरी वितरक के लिए डिपॉजिट राशि 5 लाख (सामान्य श्रेणी), ओबीसी के लिए 4 लाख और एससी-एसटी के लिए 3 लाख है. रूरबन वितरक के लिए भी यही डिपॉजिट राशि है. ग्रामीण वितरक के लिए 4 लाख, ओबीसी के लिए 3 लाख और एससी-एसटी के लिए 2 लाख है. दुर्गम क्षेत्रीय वितरक के लिए 4 लाख, ओबीसी के लिए 3 लाख और एससी-एसटी के लिए 2 लाख डिपॉजिट राशि है.

शहरी वितरक या रूरबन वितरक एजेंसी के लिए 50,000. ओबीसी के लिए राशि 40,000 और एससी-एसटी के लिए 30,000. ग्रामीण वितरक और दुर्गम क्षेत्र वितरक के लिए यह राशि 40,000 ओबीसी के लिए 30,000 और एससी-एसटी के लिए 20,000 तक फील्ड वेरिफिकेशन जमा करना होगा. इसके अलावा कंपनी की तरफ से मांगे गए डॉक्यूमेट्स पर देने पड़ेंगे. इसमें अलग-अलग डिपार्टमेंट की एनओसी भी शामिल है.

इन विभागों की एनओसी की जरूरत

इसमें आपको GST रजिस्ट्रेशन और ज़मीन के डॉक्यूमेंट्स कंपनी को दिखाने होंगे. इसके अलावा PESO, फायर डिपार्टमेंट, पुलिस, नगरपालिका/स्थानीय निकाय, राजस्व विभाग से एनओसी भी कंपनी को मुहैया कराना होगा. साथ ही श्रम विभाग से शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट लाइसेंस की भी आवश्यकता पड़ेगी. यह प्रक्रिया पूरे भारत के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में लागू है. इन दस्तावेजों की अधिकारियों की तरफ से छानबीन होगी और आवेदक को लेटर ऑफ इंटेंट जारी होगा. इसके बाद आवेदक अपनी पूरी सिक्योरिटी चयनित गैस एजेंसी के पास जमा करानी होगी. इसके बाद आपके नाम पर गैस एजेंसी अलॉट हो जाएगी.