रैपिड ट्रेन और मेट्रो कनेक्टिविटी, हिंडन रिवर फ्रंट… लंदन जैसी फीलिंग देगी गाजियाबाद की ये न्यू टाउनशिप!

गाजियाबाद में प्रस्तावित अत्याधुनिक टाउनशिप परियोजना हरनंदीपुरम के लिए भूमि अधिग्रहण का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. अधिसूचित क्षेत्र के किसान इस परियोजना के लिए सर्किल रेट में वृद्धि के बिना जमीन देने से मना कर रहे हैं. यह परियोजना हिंडन नदी के पुनरुद्धार और एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शहर बसाने के लिए जीडीए ले आया है. दावा किया जा रहा है कि यह टाउनशिप वैशाली और वसुंधरा से भी बड़ी होगी.

नए जमाने का शहर हरनंदीपुरम

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में प्रस्तावित अत्याधुनिक टाउनशिप हरनंदी पुरम की राह के रोड़े खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे. अब इस परियोजना में जमीन अधिग्रहण को लेकर नई अड़चन पैदा हो गई है. अधिसूचित क्षेत्र के किसानों का कहना है कि जीडीए बिना सर्किल रेट बढ़ाए जमीन का अधिग्रहण करना चाहता है. इस संबंध में जीडीए ने पिछले महीने 11 अगस्त को आईजी स्टांप को एक पत्र लिखा था. इस पत्र की जानकारी होने के बाद योजना में शामिल सभी आठ गांव के किसानों ने भी कमर कस ली है. साफ कर दिया है कि अब वह जमीन देंगे ही नहीं. आइए, इस योजना पर उठे विवाद को समझने की कोशिश करते हैं.

बता दें कि अहमदाबाद के रिवर फ्रंट की तर्ज पर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने हिंडन नदी के पुर्नरुद्धार करने की योजना बनाई थी. इसी क्रम में हिंडन रिवर फ्रंट बनाने के साथ ही दोनों किनारों पर अत्याधुनिक शहर बसाने की योजना लाई गई. इस योजना को पिछले साल अगस्त के पहले सप्ताह में मंडलायुक्त मेरठ की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी भी मिल गई. तय किया गया कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर बसने वाले इस शहर का काम दो साल के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. इस बात को एक साल से भी अधिक समय गुजर जाने के बाद भी मौके पर कोई प्रगति होती नजर नहीं आ रही. बल्कि अब इस योजना के लिए अधिसूचित सभी गांव के किसानों ने जमीन देने से ही मना कर दिया है.

हिंडन नदी

521 हेक्टेयर भूमि पर विकासित होना है ये शहर

जीडीए के अधिकारियों के मुताबिक हरनंदी पुरम टाउनशिप योजना का ले आउट प्लान पिछले साल अगस्त में ही तैयार कर लिया गया था. मंडलायुक्त की मंजूरी के बाद इस योजना का डीपीआर भी तैयार कर लिया गया. दावा किया गया कि 521 हेक्टेयर भूमि पर यह शहर बसेगा. इसके लिए हिंडन नदी के दोनों बसे आठ गांवों की जमीन एक्वायर की जाएगी. इसमें गांव नगला फिरोजपुर की 200.81 हेक्टेयर, मथुरापुर की 15.73, शमशेर की 120.82, चंपत नगर की 40.68, भनेडा खुर्द की 12.83, शाहपुर निज मोरटा की 68.93, भोवापुर की 59.78 और मोरटा गांव की 5.36 हेक्टेयर जमीन शामिल है. इस योजना पर करीब 5000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. इसमें 50 फीसदी राशि प्रदेश सरकार देगी. वहीं बाकी रकम जीडीए खर्च करेगी.

पहला बैनामा 900 वर्ग मीटर का हुआ

इस योजना के तहत जीडीए ने पिछले साल ही जमीन का पहला बैनामा कराया. यह जमीन मकरमतपुर-सिकरोड़ गांव की करीब 900 वर्ग मीटर की है. योजना के तहत सड़क निर्माण के लिए यह बैनामा किसानों और जीडीए के बीच आपसी सहमति के आधार पर कराया गया. अधिकारियों के मुताबिक योजना के ले-आउट में दशाई गई यह सड़क राजनगर एक्सटेंशन में 45 मीटर चौड़ी अजनारा सोसायटी रोड से शुरू होकर मकरमतपुर-सिकरोड़ और मोरटा गांव होते हुए दिल्ली-मेरठ रोड को जोड़ेगी. इसमें मकरमतपुर सिकरोड़ गांव में 900 मीटर हिस्सा है. वहीं शेष मोरटा गांव में 2100 मीटर जमीन एक्वायर होनी है.

हरनंदीपुरम का लेआउट

ये होंगी सुविधाएं

हरनंदीपुरम योजना पूरी तरह अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर पूरी होगी. इसमें सीवरेज सिस्टम, वॉटर लाइन, सड़क, बड़े पार्क, ओवरहेड टैंक, एसटीपी, पॉवर ट्रांसफॉर्मर लोड, वॉटर हार्वेस्टिंग की सुविधाएं तो होंगी ही, यह योजना मेट्रो, रैपिड मेट्रो, रोड ट्रांसपोर्ट से सीधी कनेक्ट होगी. इससे इस अत्याधुनिक टाउनशिप में रहने वालों को परिवहन के बेहतर विकल्प उपलब्ध होंगे. योजना के तहत हिंडन नदी को पूरी तरह से साफ कर रिवर फ्रंट बनेगा. यह रिवर फ्रंट ही इस योजना का मुख्य आकर्षण होगा. दावा किया जा रहा है कि इस रिवर फ्रंट की वजह से गाजियाबाद को पर्यटन से भी काफी आय होगी.

नमो भारत ट्रेन

वैशाली-वसुंधरा से भी बड़ी टाउनशिप

गाजियाबाद में अब तक सबसे बड़ी टाउनशिप वैशाली और वसुंधरा थी. जब इस टाउनशिप का खाका जीडीए ने तैयार किया था, उस समय इसे अत्याधुनिक कहा गया और उसी हिसाब से इसका ले-आउट तैयार किया गया. लेकिन अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का दावा है कि हरनंदी पुरम इन दोनों टाउनशिप से भी बड़ी होगी और इसमें वो हर सुविधा देने की कोशिश होगी, जो किसी भी आदर्श टाउनशिप के लिए कल्पना की जा सकती है.

प्लॉट, फ्लैट, कोठी सब मिलेगा

जीडीए की योजना के मुताबिक हरनंदीपुरम टाउनशिप के ले आउट में छोटे बड़े फ्लैट बनाकर घर खरीदारों को आवंटित किए जाएंगे. यही नहीं, इस योजना में लोगों को कोठी और बंग्ले खरीदने का भी विकल्प होगा. वहीं बड़ी संख्या में प्लॉट भी आवंटित किए जाएंगे. इसमें जीडीए द्वारा पास कराए गए नक्से के मुताबिक कोठी या बंग्ले बनाए जा सकेंगे. इस परियोजना में व्यवस्थित मार्केट बनाने की भी योजना है.