UP पुलिस की लाठीचार्ज में भाजपा कार्यकर्ता की मौत, बिजली समस्या को लेकर धरने में थे शामिल
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो गई. आरोप है कि बीजेपी कार्यकर्ता सीताराम उपाध्याय की मौत पुलिस की लाठी चार्ज में घायल होने की वजह से हुई है. वो बिजली की समस्या को लेकर कुछ लोगों के साथ विरोध करने के लिए गए हुए थे, उसी दौरान पुलिस की तरफ से लाठी चार्ज की गई थी.

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के नोनहरा थाना क्षेत्र के रुकूनुद्दीनपुर गांव में आज एक भाजपा कार्यकर्ता सीताराम उपाध्याय की सुबह-सुबह मौत हो गई. इसकी जानकारी के बाद लोगों की काफी भीड़ इकट्ठा हो गई. 9-10 सितंबर की रात में सीताराम उपाध्याय अपने साथियों के साथ गांव की समस्याओं को लेकर विकास राय की अध्यक्षता में धरना प्रदर्शन और अनशन थाना पर कर रहे थे. उसी रात लगभग 1:30 बजे नोनहरा थाना पुलिस के द्वारा लाइट को बंद कर इन सभी लोगों पर लाठी चार्ज किया गया, जिसमें कई लोग घायल हुए. उन घायलों में सीताराम उपाध्याय भी रहे जिनकी आज सुबह मौत हो गई.
बिजली की समस्या पर करने गए थे विरोध
पास के ही गांव गठिया में बिजली के पोल को लेकर कुछ समस्या थी. इस समस्या को लेकर यह लोग पहले पुलिस से बातचीत की है और जब कोई बात नहीं बनी तब इन लोगों ने अपना विरोध जताने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. क्योंकि, यह लोग खुद बीजेपी के कार्यकर्ता रहे हैं इन लोगों को उम्मीद नहीं थी कि इस तरह का लाठीचार्ज कर उनके साथ बर्बरता किया जाएगा. लेकिन, देर रात इन लोगों के साथ इस तरह का पुलिस नेतृत्व किया.
धरना प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे विकास राय ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ पहले थाना अध्यक्ष से बातचीत की. कुछ देर बाद क्षेत्राधिकारी कासिमाबाद भी मौके पर आए लेकिन इन लोगों से कोई बात किए बगैर वह वापस चले गए. उनके जाने के कुछ देर बाद थाना अध्यक्ष अपने उच्च अधिकारियों से संपर्क में मोबाइल से बने हुए थे.
अचानक कटवाई थाने की लाइट
अचानक से थाने की लाइट को कटवाकर बल प्रयोग कर सभी को पीटा इन लोगों ने बताया कि पिटाई के बाद इन सभी लोगों को गांव में दो-दो से तीन-तीन किलोमीटर तक दौडाया गया. कौन किधर गया किसी को पता नहीं चल पाया. इसी दरमियान सीताराम उपाध्याय भी घायल होकर कहीं गिर पड़े थे बाद में जब उन्हें होश आया तो किसी तरह अपने घर पहुंचे थे.
सीताराम उपाध्याय के पिता गिरजा उपाध्याय ने बताया कि उनका बेटा बता कर गया था कि वह अपने साथियों के साथ धरना पर जा रहा है. लेकिन, जब वह आया तो घायल अवस्था में था उसकी पीठ पर पैर पर और हाथों पर पिटाई के निशान थे. जो अभी भी मौत के बाद देखे जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि बेटे ने बताया कि पुलिस ने उसकी पिटाई की है. इसके बाद उन लोगों ने घर पर ही रखकर उसके पास के ही डॉक्टर से दवा इलाज शुरू कराया. लेकिन, बीती रात उसकी मौत हो गई है और वह अब इस मौत के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार मान रहे हैं. सभी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
पुलिसवालों ने बात करने से किया मना
वहीं घटना की जानकारी होने के बाद थाना अध्यक्ष मोहम्मदाबाद सदर कोतवाली के कोतवाल सहित तमाम पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों से बातचीत करने का प्रयास किया लेकिन, स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस वालों से किसी भी तरह से बात करने से इनकार करते हुए उन्हें चलता किया.
वहीं इस मामले के बाद अभी तक पुलिस प्रशासन या फिर जिला प्रशासन का किसी भी तरह का कोई प्रक्रिया नहीं आई है. ना ही मौके पर पुलिस और प्रशासन का कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद है.