किस्मत या बदनसीबी, 22 साल बाद बांग्लादेश में मिला गाजीपुर का इकबाल, लेकिन….
22 साल पहले गाजीपुर से इकबाल नाम का शख्स लापता हो गया था. अब उसके बांग्लादेश में होने की जानकारी मिली है. खानपुर थाना पुलिस ने इकबाल से उसके परिवार की बातचीत वीडियो कॉल के जरिए कराई. इतने साल बाद भाई को देख उसकी बहन भावुक हो गई. लेकिन परिवार इकबाल को वापस ना ला पाने के लिए मजबूर है.
गाजीपुर के इचवल गांव से 22 साल पहले साल 2003 में मानसिक रूप से कमजोर मोहम्मद इकबाल नामक शख्स अचानक से लापता हो गया था. इकबाल के घरवालों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन सुराग नहीं मिला. लेकिन अब 22 साल बाद परिवार को नई उम्मीदें मिली हैं. दरअसल, पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद इकबाल के बांग्लादेश में होने का पता चला है.
अपने भाई के जिंदा होने तक की उम्मीद छोड़ चुका इकबाल का परिवार इस वक्त बेहद खुश है. लेकिन इसे किस्मत कहें या बदनसीबी परिजन आर्थिक तंगी के चलते इकबाल को वापस लाने में असमर्थता जता रहे हैं. परिवार अब सरकार से गुजारिश कर रहा है कि इकबाल को किसी तरह से वापस गांव लाने में मदद कराई जाए.
भाई को 22 साल बाद देख बहन की आंखें नम
22 बाइस साल बाद अपने भाई को मोबाइल पर देख बहनों की आंखे काफी नम हो गईं. नइकोट गांव से करीब बाइस साल पूर्व मानसिक रूप से कमजोर मो0 इकबाल पुत्र कमालुद्दीन घर से अचानक से गायब हो गया था. घर वालों ने सालों तक जगह जगह उसकी तलाश करते रहे. इकबाल के बड़े भाई और तीनों बहने हर मजार और मस्जिद में भाई की तलाश कर थक कर निराश हो चले थे. थक हार कर 2003 में गुमसुदगी का मुकदमा दर्ज कराया था.
गुमशुदा तलाशी अभियान इकबाल का चला पता
खानपुर थानाध्यक्ष राजीव पांडेय के अनुसार गुमशुदा तलाशी अभियान के दौरान इकबाल के बारे में पता लगाना शुरू किया गया. दक्षिण भारत के एक एनजीओ ने इकबाल के तस्वीर पहचान की. दिल्ली और कई अन्य शहरों की मस्जिदों से होते हुए इकबाल मौजूदा समय में बांग्लादेश में किसी मस्जिद में सेवादार के रूप में काम कर रहा है.
इकबाल के बारे में ऐसे चला पता
कोलकाता में इकबाल की सूचना के बाद पश्चिम बंगाल राज्य में एच ए एम रेडियो क्लब ने फोटो प्रसारित कर इकबाल का पता बांग्लादेश में लगा लिया है. क्लब के चेयरमैन अम्बरीष नग विश्वास ने अपने बांग्लादेशी श्रोत से इकबाल का ठिकाना पता कर वहां के स्थानीय पुलिस से संपर्क भी स्थापित कर लिया है.
इकबाल को वापस लाने का प्रयास करे सरकार
इकबाल की जानकारी होने पर कोलकाता पुलिस और क्लब के अध्यक्ष अंबरीश नोट विश्वास ने खानपुर पुलिस से संपर्क किया. फिर खानपुर पुलिस ने इकबाल के परिजनों को थाने बुलाया. खानपुर थाना परिसर में शबनम ने बांग्लादेश में रह रहे अपने भाई इकबाल से बात कर भावुक हो गई. शबनम ने बताया कि वृद्ध और बीमार मां नजमा बेगम और पिता कमालुद्दीन की सेवा कर रहीं हूं. मानसिक बीमार भाई को जीवित देख सभी खुश हैं लेकिन उन्हें वापस लाने का कोई प्रयास नही किया जा रहा है. भाई जहां भी है खुश और आबाद रहे. यहीं हमलोगों की दुआ है.