बैंक में किसके हैं ये 175 करोड़ रुपये? 10 साल से किसी ने नहीं किया क्लेम, RBI के अभियान में खुलासा

गाजीपुर की 327 बैंक शाखाओं में ₹175 करोड़ 10 साल से लावारिस पड़े हैं. RBI ने 31 दिसंबर तक निष्क्रिय बैंक खातों के मालिकों को खोजने का अभियान चलाया है. खाताधारक या नॉमिनी आधार-पैन व केवाईसी करके अपना खाता पुनः सक्रिय कर सकते हैं और अपनी लावारिस राशि का दावा कर सकते हैं. यह पहल भूले हुए धन को असली हकदारों तक पहुंचाने के लिए है.

बैंकों में जमा अनक्लेम्ड रकम

175 करोड़ रुपये मामूली नहीं होते. इतनी बड़ी रकम बैंक में लावारिश पड़ी है. 10 साल से इस रकम पर ना तो किसी ने क्लेम किया है और न ही खाते में कोई लेनदेन हुई है. 25 बैंकों की 327 शाखाओं में जमा इस रकम को बैंक ने स्लीपिंग मोड में डालते हुए आरबीआई को सूचित कर दिया है. वहीं आरबीआई ने इस रकम के वारिशों की तलाश में विशेष अभियान शुरू किया है. 31 दिसंबर तक चलने वाले इस अभियान में रकम के असली हकदारों की पहचान की जाएगी.

गाजीपुर में लीड बैंक यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया ने गांव गांव में अपनी शाखाएं खोल रखी हैं. इसके अलावा जिले में 25 अन्य बैंकों की भी अलग अलग शाखा संचालित हो रही हैं. जानकारी के मुताबिक जिले में संचालित अलग अलग बैंकों की कुल 327 शाखाओं में 175 करोड़ रुपए ऐसे पड़े हैं, जिनकी बीते 10 सालों में किसी ने खोज खबर ही नहीं ली है. लंबे समय तक लेन देन ना होने की वजह से ये बैंक खाते निष्क्रिय कर दिए गए हैं. इसी के साथ ब्याज की राशि भी इसमें जुड़नी बंद हो गई है.

आरबीआई ने शुरू किया अभियान

वित्त मंत्रालय के आदेश पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक विशेष अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत निष्क्रिय बैंक खाते के मालिकों की तलाश की जाएगी. इस अभियान के तहत खाता धारकों या उनके नामिनी को बैंक में आने और जरूरी दस्तावेज जमाकर खाते को दोबारा से चालू करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. जिन खातों में खाताधारक सामने आ जाएंगे, उनके पिछले दिनों के ब्याज की राशि जोड़कर इन्हें दोबारा से शुरू कर दिया जाएगा.

ऐसे जिंदा होगा एकाउंट

बैंक अधिकारियों के मुताबिक डेड एकाउंट को दोबारा से जिंदा करने के लिए खाता धारक या उसके नामिनी को अपने आधार और पैन कार्ड की कॉपी बैंक में देकर दोबारा से केवाईसी कराना होगा. इसके बाद बैंक में एक क्लेम फार्म भरकर अनक्लेम्ड राशि के लिए आरबीआई से डिमांड करना होगा. इसके बाद जरूरी औपचारिकताओं के बाद आरबीआई यह रकम खाते में वापस कर देगा. लीड बैंक के क्षेत्रीय प्रमुख संजय सिन्हा के मुताबिक इसके लिए खाता धारकों को जागरूक करने की कवायद शुरू कर दी गई है.