मिड डे मील में कीड़े मिले तो भिड़ गईं लेडी प्रिंसिपल और रसोइया, एक दूसरे को पटक-पटक कर मारा

गोरखपुर के एक उच्च माध्यमिक स्कूल के मिड डे मील में कीड़े पाए जाने के चलते बच्चों ने खाना खाने से मना कर दिया. इसको लेकर प्रिसिंपल रीता आर्या और रसोइया गुंजा देवी के बीच बहस हो गई. धीरे-धीरे कहासुनी ने मारपीट का रूख अख्तियार कर लिया. अब दोनों का एक दूसरे को पटक-पटक कर मारते हुए वीडियो वायरल हो रहा है.

गोरखपुर में लेडी प्रिंसिपल और कुक के बीच मारपीट

गोरखपुर में दो महिलाओं के बीच मारपीट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. दरअसल, उसवा बाबू स्थित एक उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रिंसिपल रीता आर्य और रसोइया गुंजा देवी के बीच विवाद हो गया. देखते ही देखते दोनों के बीच हो रहे इस विवाद ने मारपीट का रूख अख्तियार कर लिया.

विद्यालय में बच्चों के लिए बने मिड डे मील में कीड़े पाए जाने का आरोप लगा था. कई बच्चों ने खाना खाने से मना कर दिया. इसी को लेकर प्रिसिंपल रीता आर्या ने जब रसोइया गुंजा देवी से सवाल पूछा तो दोनों के बीच कहासुनी हो गई और दोनों एक दूसरे के साथ मारपीट करने लगीं. इस दौरान दोनों एक दूसरे को पटक-पटक कर मारते हुए दिख रही हैं.

प्रिंसिपल ने लगाए ये आरोप

इस मामले को लेकर प्रिंसिपल रीता आर्य ने कहा मुझे मेरे पद से हटाने की साजिश हो रही. रसोइया जानबूझकर खराब चावल से भोजन बनाती है. उसे कई बार मना किया गया है. लेकिन वह बात नहीं सुनती है. उल्टे स्टाफ को मेरे खिलाफ भड़काती है. उन्हें ईसाई धर्म अपनाने का भी दबाव बनाती है. प्रिंसिपल ने आरोप लगाया उनके खिलाफ मारपीट का वीडियो षडयंत्र के तहत बनवाया गया है.

प्रिंसिपल पर लगे तानाशाही का आरोप

स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्यालय में जिम्मेदारियों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. ऐसे में मिड डे मील में कीड़े मिलने से स्थिति और भड़क गई. वहीं, असिस्टेंट टीचर श्रद्धा शुक्ला ने कहा कि प्रिंसिपल स्कूल में तानाशाही करती है और स्टाफ को प्रताड़ित करती रहती हैं. आए दिन स्कूल में नए-नए विवाद होते रहते हैं.

खंड शिक्षा अधिकारी सावन ने घटना की निंदा की

खंड शिक्षा अधिकारी सावन दुबे ने प्रिंसिपल और रसोइया के बीच हुई मारपीट को निंदनीय बताया. उन्होंने कहा उच्च अधिकारियों को इस घटना की रिपोर्ट भेजी जा रही है. जल्द ही इस पर कार्रवाऊ होगी. उन्होंने कहा काफी समझाने के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं आया. उल्टे स्कूल का माहौल और खराब हो गया है.