ग्रेटर कानपुर और लैंड पूलिंग मॉडल: इस परियोजना में गरीब से अमीर तक सब खरीद सकेंगे घर
कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) की 144वीं बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली. इसमें न्यू कानपुर सिटी योजना भी शामिल है, जिसे जनवरी में लॉन्च करने की तैयारी है.इसके अलावा प्राधिकरण पहली बार लैंड पूलिंग मॉडल का उपयोग करते हुए दो नई आवासीय योजनाएं भी ला रहा है.
कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) की 144वीं बोर्ड बैठक में शहर के विकास को नई दिशा देने वाले कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी है. बैठक में गंगा बैराज के पास बने बाटनिकल गार्डन को नए साल में जनता के लिए खोलने की मंजूरी दी गई, जो पूरी तरह से फ्री रहेगा.
इसके अलावा, कंपनी बाग से अटल घाट तक दो किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण, मकसूदाबाद और पनकी में बड़े पार्कों का विकास, न्यू कानपुर सिटी योजना की शुरुआत, दो नई आवासीय योजनाओं का लैंड पूलिंग मॉडल पर विकास और ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर पांच हजार एकड़ में ग्रेटर कानपुर की स्थापना जैसे प्रस्तावों को हरी झंडी मिली. केडीए अध्यक्ष के. विजयेन्द्र पांडियन और उपाध्यक्ष मदन सिंह गैब्रियल ने बताया कि ये फैसले शहर की बढ़ती आबादी और बुनियादी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं, जो कानपुर को एक आधुनिक महानगर की ओर ले जाएंगे.
पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित होगा गंगा गैराज
बैठक की शुरुआत में गंगा बैराज को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर चर्चा हुई. यहां पहुंच को आसान बनाने के लिए कंपनी बाग चौराहे से अटल घाट तक फोरलेन सड़क का निर्माण किया जाएगा. इस सड़क की लंबाई दो किलोमीटर होगी और इसमें लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी. सड़क गंगा बैराज से अटल घाट के पीछे से नाले के किनारे-किनारे विष्णुपुरी मार्ग होते हुए कंपनी बाग चौराहे पर जुड़ेगी. भूस्वामियों ने जमीन अधिग्रहण के लिए सहमति दे दी है, जिससे जाम की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है. केडीए अधिकारियों का कहना है कि इस सड़क से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि गंगा बैराज क्षेत्र पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.

शहर में हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए केडीए ने बड़े कदम उठाए हैं. गंगा बैराज के पास 70 एकड़ में विकसित हो रहे बाटनिकल गार्डन को जनवरी में जनता के लिए खोल दिया जाएगा. यहां टहलने, खेलकूद और सांस्कृतिक आयोजनों की सुविधा होगी. इसके अलावा, लखनऊ के जनेश्वर पार्क की तर्ज पर मकसूदाबाद में 300 एकड़ और पनकी में 100 एकड़ में फारेस्ट पार्क विकसित किए जाएंगे. दोनों पार्कों में बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जो शहरवासियों को प्रकृति के करीब लाएगी. केडीए अध्यक्ष पांडियन ने कहा कि शहर में बड़े पार्कों की कमी को पूरा करने का यह प्रयास है. ये पार्क न केवल मनोरंजन का साधन होंगे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगे.
पहली बार होगा लैंड पूलिंग मॉडल का उपयोग
आवासीय योजनाओं पर विशेष जोर दिया गया. न्यू कानपुर सिटी योजना को 153.31 हेक्टेयर में तीन फेज में विकसित किया जाएगा. पहला फेज 50 हेक्टेयर का होगा, जिसे जनवरी में लॉन्च करने की तैयारी है. इसमें सभी वर्गों के लिए भूखंड उपलब्ध होंगे. प्राधिकरण पहली बार लैंड पूलिंग मॉडल का उपयोग करते हुए दो नई आवासीय योजनाएं ला रहा है. सनिगवां के पास हाईवे सिटी विस्तार और नानकारी के पास जवाहरपुरम योजना विकसित की जाएगी. इनमें भूखंडों का विकास होगा. पांडियन ने बताया कि यदि यह प्रयोग सफल रहा तो उचटी (अटल) योजना को भी इसी मॉडल पर लाया जाएगा. इसके अलावा, एक मलिन बस्ती को चिह्नित कर लैंड पूलिंग के तहत विकसित किया जाएगा, जो गरीबों के लिए आवास की समस्या सुलझाएगा.
कैसे तैयार होगा ग्रेटर कानपुर?
बैठक का एक प्रमुख आकर्षण ग्रेटर कानपुर योजना रहा. ग्रेटर लखनऊ की तर्ज पर पांच हजार एकड़ में इस योजना को विकसित किया जाएगा, जिसमें आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियां शामिल होंगी. शहर के विस्तार और आउटर रिंग रोड पर भूमि बैंक बढ़ाने के लिए रामपुर खास, कैंधा, सेन पश्चिम पारा, सेन पूरब पारा, फत्तेपुर दक्षिण, गोपालपुर, फत्तेहरी, दुर्जनपुर इटारा जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा. यहां आधुनिक सुविधाएं जैसे स्कूल, अस्पताल, शॉपिंग मॉल और इंडस्ट्रियल पार्क विकसित होंगे. उपाध्यक्ष गर्ज्याल ने कहा कि यह योजना कानपुर को ग्रेटर कानपुर में बदल देगी, जो रोजगार और निवेश के नए अवसर पैदा करेगी.
80 गांवों को विकसित करने के लिए मास्टर प्लान
केडीए से जुड़े 80 गांवों को विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. केडीए का गठन 1974 में हुआ था और पहली बार प्राधिकरण की सीमा में बदलाव किया गया है. पहले चार जोन थे, लेकिन अब छह जोन बनाने की स्वीकृति मिली है. नगर निगम की तर्ज पर हर जोन में कार्यालय बनेगा, जहां अफसर मौजूद रहेंगे और लोगों की समस्याओं का निस्तारण होगा. इससे लोगों को मुख्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
बुनियादी सुविधाओं पर भी ध्यान
बुनियादी सुविधाओं पर भी ध्यान दिया गया. सीवरेज और पेयजल योजना के लिए जल निगम को छह जगह निशुल्क जमीन दी गई है. नगर निगम को भाउसिंह पनकी में गैस प्लांट लगाने के लिए 15 एकड़ जमीन एक रुपये प्रति एकड़ सालाना किराए पर दी गई है. इसके अलावा, केडीए के बचे 7,614 ईडब्ल्यूएस फ्लैटों को बेचने की तैयारी है. ईडब्ल्यूएस फ्लैटों की कीमत का 20 प्रतिशत और अन्य फ्लैटों की कीमत का 25 प्रतिशत जमा करने पर कब्जा दे दिया जाएगा. ई-नीलामी वाले विवादित भूखंडों में वैकल्पिक भूखंड दिए जाएंगे.
