ग्रेटर नोएडा में दो मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी, निवेश के साथ बढ़ेंगे रोजगार

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (GNIDA) ने दो मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दे दी है. इससे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नया निवेश आकर्षित होगा. साथ ही हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे. ये परियोजनाएं ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देंगी और कनेक्टिविटी में सुधार लाएंगी.

ग्रेटर नोएडा में मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को मंजूरी

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण (GNIDA) की 141 वीं बोर्ड बैठक शनिवार को संपन्न हुई. ग्रेटर नोएडा में दो मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी मिली. मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब को मंजूरी दी गई, जिसे मास्टर प्लान-2041 का हिस्सा बनाया है. इसे औद्योगिक विकास के अगले चरण का आधार माना जा रहा है.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने औद्योगिक विकास और रोज़गार के नए अवसरों को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. ये परियोजनाएं लॉजिस्टिक को मजबूत करेंगी और कनेक्टिविटी में सुधार लाएंगी. इससे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नया निवेश आकर्षित होगा और हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

नई रेलवे और मेट्रो लाइन भी मास्टर प्लान में शामिल

दोनों मेगा प्रोजेक्ट्स ग्रेटर नोएडा और आसपास के औद्योगिक इलाकों को आधुनिक कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे. मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जोड़ने के लिए नई रेलवे लाइन बनाई जाएगी. इसके बन जाने से मुंबई–कोलकाता कॉरिडोर तक औद्योगिक माल की ढुलाई तेज और सस्ती हो जाएगी.

वहीं, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक को ग्रेटर नोएडा डिपो से जोड़ने वाली 1.8 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन भी मास्टर प्लान में शामिल की गई है. 105 मीटर रोड पर एलिवेटेड कॉरिडोर तैयार होगा, जिससे यात्रियों और उद्योग दोनों को फायदा मिलेगा.

तीन बड़ी परियोजनाओं से बदलेगा औद्योगिक चेहरा

प्राधिकरण और नेशनल इंडस्ट्रियल कार्पोरेशन पहले से ही तीन प्रमुख परियोजनाओं पर मिलकर काम कर रही है. इनमें इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप योजना भी शामिल है. इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में कई कंपनियों ने भूमि लेकर अपने उद्योग शुरू कर दिए हैं, जिससे बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.

उत्तर प्रदेश के आईडीसी और नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन दीपक कुमार की अध्यक्षता में यह बैठक हुई. इस दौरान अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार, CEO एनजी रवि कुमार समेत नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहें. जिन्होंने सर्वसम्मति से दोनों प्रस्तावों कों मंजूरी दी.