B.Tech की पढ़ाई में हो गया कर्ज, लगाया इंजीनियरिंग का दिमाग… बन गया इनामिया अपराधी

यूपी के जौनपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक बीटेक पास शातिर साइबर क्राइम के जरिए लोगों की जेबें ढ़ीली कर रहा था. पुलिस ने आरोपी पर 10 हजार का इनाम घोषित किया था. अब उसे गैंग के कई मेंबर्स के साथ गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

उत्तर प्रदेश के जौनपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको हैरान करके रख दिया है. यहीं का रहने वाला एक बीटेक ग्रेजुएट जब कर्ज के जाल में फंस गया तो उसने लोगों को ठगने के लिए बाकायदा एक गैंग बनाया और इसके जरिए साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था. इसी के चलते उस पर कई मुकदमें भी दर्ज हैं और वो 10 हजार का इनामिया भी था. अब जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है तो वो अपनी काली करतूतों के एक के बाद एक राज़ उगलता जा रहा है.

ऐसे करता था ठगी

जानकारी के मुताबिक आरोपी भैंस और ट्रैक्टर के फर्जी विज्ञापनों के जरिए भोले- भाले लोगों को अपने जाल में फंसाता था. इसके बाद उनके साथ ठगी की घटना को अंजाम देता था. प्रयागराज और कौशांबी से आए 2 लोगों से लाखों की ठगी और मारपीट के बाद मामले का खुलासा हुआ. सरायख्वाजा थाना पुलिस ने सर्विलांस टीम की मदद से इस ठगी गैंग के मास्टरमाइंड समेत 7 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. मुख्य आरोपी जितेंद्र यादव पर पहले से ही गैंगस्टर एक्ट समेत कई मुकदमे दर्ज हैं. इसके अलावा उस पर 10 हजार का इनाम भी था.

QR कोड के जरिए लाखों रुपए ऐंठे

कौशांबी के रहने वाले सचिन मिश्रा और प्रयागराज के रहने वाले विनोद पाण्डेय भी इस गिरोह का शिकार बन चुके हैं. दोनों को पहले जौनपुर बुलाकर QR कोड के जरिए लाखों रुपए ऐंठे गए, फिर धमकी देकर छोड़ दिया गया. पीड़ितों ने इसकी शिकायत सरायख्वाजा पुलिस को दी. जिसके बाद मामला दर्ज किया गया.

बुधवार को पुलिस ने स्वाट और सर्विलांस टीम की मदद से न केवल इस गिरोह का भांडाफोड़ किया. बल्कि इसके सरगना जितेंद्र यादव के साथ उसके 6 साथियों विद्यासागर प्रजापति, विकास प्रजापति, अरविंद वर्मा, आलोक यादव, धनंजय यादव और राहुल यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. इनके पास से कुल 4200 रुपए की नकदी, मोबाइल और एक अपाचे बाइक बरामद की गई है.

पुलिस ने की कार्रवाई

ASP ग्रामीण आतिश कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी जितेंद्र यादव प्रतापगढ़ का रहने वाला है और उस पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कई मामले दर्ज हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने कई फर्जी वेबसाइट्स भी बना रखी थीं, जिनके जरिए वो ग्राहकों को फंसाता था। फिलहाल आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है.