झांसी के ट्रांसफार्मर जाएंगे अफ्रीका और यूरोप, BHEL को मिला 6900 करोड़ का ऑर्डर

उत्तर प्रदेश के झांसी के भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) को 6900 करोड़ रुपये का बड़ा ऑर्डर मिला है. इसमें से 30 प्रतिशत ट्रांसफॉर्मर यूरोप और अफ्रीका जैसे देशों को निर्यात किए जाएंगे. यह ऑर्डर BHEL झांसी की बढ़ती वैश्विक पहुंच और पावर ट्रांसफॉर्मर निर्माण में दक्षता को दर्शाता है. वंदे भारत ट्रेन के कोच निर्माण में भी BHEL झांसी की भागीदारी है.

झांसी में ट्रांस्फार्मर (फाइल फोटो) Image Credit:

उत्तर प्रदेश में झांसी की धरती एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है. यहां का भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) अब न सिर्फ देश बल्कि यूरोप और अफ्रीका की बिजली की धड़कन बनने जा रहा है. झांसी भेल यानी BHEL को 6900 करोड़ रुपए का बड़ा वर्क ऑर्डर मिला है. इसमें से करीब 30 प्रतिशत ट्रांसफॉर्मर विदेशों को सप्लाई किए जाएंगे. यानी आने वाले दिनों में जर्मनी, पोलैंड, हॉलैंड, फिनलैंड, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र और मलेशिया जैसे देशों में झांसी में बने ट्रांसफॉर्मर में करंट दौड़ेगा.

अब विदेशों की दुनिया तक करंट का सफर

भेल झांसी की पहचान पावर ट्रांसफॉर्मर, रेक्टिफायर ट्रांसफॉर्मर, ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर, ड्राई टाइप ट्रांसफॉर्मर और ईएसपी बनाने में है. यही वजह है कि दुनिया भर में अब इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. चालू वित्तीय वर्ष में ही कई देशों ने बड़े पैमाने पर ऑर्डर दिए हैं. झांसी की मिट्टी में बना हर ट्रांसफॉर्मर अब विदेशी धरती पर भी ऊर्जा का नया अध्याय लिखेगा और नई ऊर्जा देगा.

तो आप अब झांसी की भेल (BHEL) कंपनी की उपलब्धियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक विदेशों में सप्लाई किए गए बिजली उत्पादन उपकरणों का स्थापित आधार 197 गीगावॉट से ज्यादा हो चुका है.

विदेशों में भी झांसी का जलवा

जहां एक तरफ यूरोपीय और अफ्रीकी देशों से लगातार डिमांड आ रही है, वहीं भारत देश के अलग-अलग हिस्सों में भी इन ट्रांसफॉर्मरों की खासी मांग बढ़ी है. जनसंपर्क अधिकारी बहादुर सिंह का कहना है कि वर्तमान में भेल के पास 6900 करोड़ रुपए का मजबूत ऑर्डर बुक है और इनमें से ज्यादातर ऑर्डर ट्रांसफॉर्मर से ही जुड़े हुए हैं.

वंदे भारत से भी जुड़ी BHEL की ताकत

इतना ही नहीं, भेल झांसी अब रेलवे के लिए भी नई ऊर्जा का स्रोत बन चुका है. जनसंपर्क अधिकारी ने अपनी जानकारी में बताया कि वंदे भारत ट्रेन के नए कोच बनाने का करार भी यहीं हुआ है. इनका निर्माण झांसी और टीटागढ़ दोनों जगह होगा. यानी झांसी सिर्फ करंट ही नहीं, बल्कि देश की सबसे हाईटेक ट्रेन वंदे भारत की रफ्तार में भी अपनी ताकत जोड़ने जा रहा है.

BHEL का बढ़ता टर्नओवर और बढ़ती ताकत

वहीं आपको बता दें कि पिछले 5 सालों में झांसी भेल इकाई का टर्नओवर 47 प्रतिशत तक बढ़ चुका है. यही नहीं, कंपनी ने इस साल 1400 करोड़ रुपए का टर्नओवर लक्ष्य भी तय किया है. यह साफ इशारा है कि आने वाले समय में झांसी इकाई वैश्विक पावर हब के तौर पर और ज्यादा चमकने वाली है.

झांसी का गर्व और देश की शान बनी भेल झांसी

झांसी की धरती हमेशा से वीरता और संघर्ष के लिए जानी जाती रही है. लेकिन, अब यहां का नाम औद्योगिक ताकत और बिजली उत्पादन के लिए भी गूंज रहा है. विदेशों में जब झांसी भेल के ट्रांसफॉर्मर बिजली की सप्लाई करेंगे, तो यह न सिर्फ झांसी बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का पल होगा.