न जेल, न FIR, और न ही गिरफ्तारी… झांसी के इस थाने में ऐसे दी जाती है सजा
उत्तर प्रदेश के झांसी का एक अनोखा थाना आज सुर्खियों में है. यहां FIR तो होती है, लेकिन किसी भी शख्स की गिरफ्तारी नहीं होती है. यहां सलाखें भी नहीं हैं यानी बंदीगृह नहीं है बल्कि जुर्माना ही इसकी असली सज़ा है और यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि अपराध रोकने का यह तरीका जितना अलग है, उतना ही असरदार भी.

जरा आप भी सोचिए… थाना भी हो, पुलिस भी तैनात हो, एफआईआर भी लिखी जाए… लेकिन न तो किसी व्यक्ति को हथकड़ी पड़े और न ही कोई सलाखों के पीछे जाने की नौबत आए! सुनने में यह किसी फिल्मी कहानी जैसा जरूर लगता है, लेकिन यह हकीकत है. उत्तर प्रदेश के झांसी में मौजूद विद्युत थाना आजकल चर्चा का सबसे बड़ा विषय बना हुआ है.
बिजली विभाग के इस थाने में मामला दर्ज होता है बिजली चोरी का. आरोपी भी पकड़े जाते हैं, लेकिन पुलिस के हाथों में हथकड़ी की जगह होता है जुर्माने का पर्चा! यानी यहां सलाखें नहीं, बल्कि सीधा जेब ढीली करनी पड़ती है.
FIR के बाद गिरफ्तारी नहीं
विद्युत थाना झांसी के प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद इमरान ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां बिजली चोरी में पकड़े गए उपभोक्ताओं पर मुकदमा जरूर दर्ज होता है मगर गिरफ्तार कोई नहीं होता. विद्युत चोरी में पकड़े गए व्यक्ति को पहले कंपाउंडिंग का पूरा मौका दिया जाता है. अगर शमन शुल्क यानी जुर्माना भर दिया तो केस वहीं खत्म. लेकिन, अगर जेब से रुपये न निकले तो फिर अदालत का दरवाज़ा खटखटाना पड़ता है, क्योंकि सीधी चार्जशीट दाखिल कर दी जाती है.
हर जिले में है ऐसा थाना
वहीं आपको बता दें कि यह अनोखा थाना सिर्फ झांसी तक सीमित नहीं है. विद्युत विभाग ने हर जिले में ऐसे थाने बनाए हैं. फर्क बस इतना है कि यह थाने सामान्य सिविल थानों से अलग तरीके से काम करते हैं. यहां सिविल पुलिस ही तैनात रहती है, लेकिन कामकाज पूरा अलग अंदाज में होता है.
बिजली चोरी की सूचना मिलते ही यह पुलिस टीम विभागीय अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचती है और छापेमारी करती है. विरोध या हंगामे की स्थिति में पुलिस बल सुरक्षा देता है और तुरंत केस दर्ज कर लिया जाता है. लेकिन, गिरफ्तारी का नाम तक नहीं लिया जाता, क्योंकि इस थाने का मकसद अपराधियों को सलाखों के पीछे डालना नहीं, बल्कि जेब से हिसाब बराबर कराना है.
दंग रह जाते हैं लोग
आप भी जान कर हैरान हो जाएंगे कि जिस थाने में न बंदीगृह है, न हथकड़ी, न थर्ड डिग्री… वहां आरोपी जाने से क्यों डरेंगे? मगर यहां डर सलाखों का नहीं, जेब के खाली होने का है. यही वजह है कि लोग इस थाने के कामकाज को सुनकर हैरान रह जाते हैं.
जेब से ही हिसाब देना होगा
विद्युत थाना झांसी के प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद इमरान कहते हैं कि यह थाना आम थानों से बिल्कुल अलग है. यहां का सिस्टम साफ है. बिजली चोरी पकड़े गए तो पहले जुर्माना भरो, वरना सीधी चार्जशीट. इस थाने में न तो हथकड़ी पड़ती है, न ही थर्ड डिग्री दी जाती है और सबसे खास बात यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू है. यानी हर जिले में बिजली चोरी रोकने के लिए एक ऐसा थाना काम कर रहा है, जहां कानून सलाखों से नहीं, बल्कि जेब से कसता है.