आत्महत्या या हत्या? कानपुर कोर्ट में स्टेनो नेहा संखवार ने की सुसाइड; छठी मंजिल से लगाई छलांग
कानपुर कोर्ट परिसर में महिला स्टेनो ने आत्महत्या कर ली. उसने कोर्ट की छठी मंजिल से छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना से कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया. पीड़ित परिवार ने इसे आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए हत्या की आशंका जताई है.

कानपुर कोर्ट परिसर में शनिवार दोपहर एक दुखद घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया. कोर्ट परिसर में एक महिला स्टेनो ने आत्महत्या कर ली. उसने कोर्ट परिसर की छठी मंजिल से छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना से परिसर में हड़कंप है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
महिला स्टेनो का नाम 30 वर्षीय नेहा संखवार था. वह घाटमपुर के कोटरा मकरंदपुर की रहने वाली थी. वह कानपुर कोर्ट में बतौर स्टेनोग्राफर के पद पर कार्यरत थी. नेहा के परिवार ने इसे आत्महत्या मानने से इनकार किया है. साथ ही हत्या की आशंका जताई है. फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल की जांच कर रही है.
बर्रा बाईपास के पास किराए के घर में रहती थी
आत्महत्या की घटना के समय दोपहर में कोर्ट परिसर में काफी भीड़ थी, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तत्काल नेहा को उर्सला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसको मृत्यु घोषित कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक, नेहा बर्रा बाईपास के पास किराए के मकान में रहती थी.
नेहा रोजाना की तरह शनिवार को भी कोर्ट पहुंची थी. दोपहर करीब 2:30 बजे उन्होंने छठी मंजिल से छलांग लगा दी. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल, डीसीपी ईस्ट सत्यजीत गुप्ता, कोतवाली थाने की पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची. जांच के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया.
यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या हो सकती है- परिवार
नेहा के नाना जय प्रकाश संखवार ने बताया कि नेहा को चार महीने पहले ही नौकरी मिली थी. उनके अनुसार नेहा काफी परेशान रहती थी. जय प्रकाश ने यह भी आशंका जताई है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या हो सकती है, और नेहा को कथित तौर पर फेंका गया. उन्होंने इस मामले में गहन जांच की मांग की है.
जानकारी के अनुसार नेहा के पिता गोविंद प्रसाद फतेहपुर में कानूनगो हैं, जबकि भाई भानु प्रताप इटावा में पुलिस दारोगा के पद पर तैनात हैं. छोटी बहन निशा पढ़ाई कर रही है. घटना की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. मां मनोज, भाई भानु और बहन निशा बदहवास हालत में कानपुर के लिए रवाना हो गए.