कई एकड़ जमीन के मालिक, कंपनी के डॉयरेक्टर… फिर भी ले रहे 5 किलो फ्री का राशन
केंद्र सरकार की तरफ से गरीबी रेखा में आने वाले लोगों को हर महीने 5 किलो का फ्री राशन मुहैया कराया जाता है. अब इस स्कीम को लेकर कानपुर में एक बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है. दरअसल यहां कई एकड़ जमीन के मालिक, कंपनी के डॉयरेक्टर जो इस योजना के पात्र नहीं है वह भी मुफ्त में सरकार से राशन ले रहे हैं.
कानपुर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत आधार सत्यापन अभियान ने बड़ी गड़बड़ी उजागर की है. पूर्ति विभाग के सत्यापन में 32,941 ऐसे लाभार्थी चिह्नित किए गए हैं, जो आर्थिक रूप से सक्षम होने के बावजूद वर्षों से गरीबों के कोटे का सस्ता राशन उठाते रहे हैं. इनमें कंपनी डॉयरेक्टर, लग्जरी वाहन मालिक, बड़े किसान और उच्च कारोबारी टर्नओवर वाले लोग शामिल हैं. विभाग ने इनकी सूची तैयार कर ली है और जल्द ही इनके नाम राशन कार्ड से हटाए जाएंगे, जिससे उनका राशन बंद हो जाएगा.
जिला पूर्ति अधिकारी (डीएसओ) राकेश कुमार ने बताया कि जिले भर के राशन कार्डधारकों का आधार कार्ड से मिलान कर सत्यापन कराया गया. इस प्रक्रिया में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. सत्यापन में दो लाभार्थी मीडियम मोटर व्हीकल (एमएमवी) के मालिक पाए गए, जबकि 14,520 लाभार्थी कार (लाइट मोटर व्हीकल- एलएमवी) के स्वामी हैं. इसी तरह 3,048 किसान ऐसे निकले जिनके पास पांच एकड़ से अधिक जमीन है. इसके अलावा 3,036 लोग किसी कंपनी में डॉयरेक्टर के पद पर हैं और 267 लाभार्थियों का जीएसटी रजिस्ट्रेशन के अनुसार सालाना कारोबारी टर्नओवर 25 लाख रुपये से अधिक है.
ऐसा करने वालों को किया गया चिन्हित
ये अपात्र लाभार्थी लंबे समय से गरीबों के हिस्से का राशन सरकारी सब्सिडी वाले दामों पर लेते रहे, जिससे वास्तविक जरूरतमंदों का हक मारा गया. डीएसओ राकेश कुमार ने कहा कि सत्यापन के बाद इनके नाम चिह्नित कर लिए गए हैं. अब इनका राशन रोका जाएगा और राशन कार्ड से नाम काटा जाएगा. इससे योजना का लाभ केवल पात्र गरीबों तक पहुंच सकेगा. विभागीय अधिकारी ने अपील की कि अपात्र लोग स्वयं आगे आकर नाम हटवाएं, ताकि अनावश्यक कार्रवाई से बचें.
अपात्रों को योजना से हटाने का मुहिम
जिले में राशन वितरण की व्यापक व्यवस्था है. शहरी क्षेत्र में 4 लाख 56 हजार 939 राशन कार्डों से 16 लाख 49 हजार 212 लाभार्थी जुड़े हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 3 लाख 34 हजार 324 कार्डों से 11 लाख 84 हजार 665 लोग राशन प्राप्त कर रहे हैं. कुल मिलाकर जिले में 28 लाख 33 हजार 877 लाभार्थी सरकारी राशन योजना से लाभान्वित हो रहे हैं. यह सत्यापन अभियान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत अपात्रों को हटाने की केंद्र सरकार की मुहिम का हिस्सा है.