दरोगा से रिश्वत खा रहा था कानपुर पुलिस कमिश्नरेट का बाबू, तभी पहुंची एंटी करप्शन टीम; महकमे में हो रही चर्चा
कानपुर में पुलिस विभाग के एक बाबू को एंटी करप्शन टीम ने दरोगा से 5000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. वेतन सुधार की फाइल को आगे बढ़ाने के लिए बाबू महफूज अहमद ने दरोगा उदयपाल पांडेय से घूस मांगी थी. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद काम न होने पर दरोगा की शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने यह कार्रवाई की है.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक अजीब घटनाक्रम हुआ है. यहां एक दरोगा से ही रिश्वत खाने का मामला सामने आया है. इस मामले में एंटी करप्शन की टीम ने कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के बाबू को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. आरोपी बाबू हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी दरोगा के वेतन सुधार की फाइल को रोक रखा था और इसे आगे बढ़ाने के लिए दरोगा से पांच हजार रुपये की रिश्वत ले रहा था. इस घटना की चर्चा अब पुलिस महकमे में खूब हो रही है.
फिलहाल एंटी करप्शन की टीम ने आरोपी आरोपी बाबू को अरेस्ट कर कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया है. आरोपी की पहचान पुलिस आयुक्त कार्यालय में तैनात सहायक लिपिक महफूज अहमद के रूप में हुई है. उसकी नियुक्ति उर्दू अनुवादक के तौर पर है, लेकिन उसके पास सहायक लिपिक का अतिरिक्त कार्यभार मिला था. आरोप है कि वह अपने ही विभाग के सब-इंस्पेक्टर (एसआई) उदयपाल पांडेय से 5 हजार रुपये की घूस ले रहा था. आरोपी को बजरिया थाना क्षेत्र में एक अस्पताल के सामने से शुक्रवार को अरेस्ट किया गया है.
क्या है मामला
कल्याणपुर आवास विकास चौकी में तैनात एसआई उदयपाल पांडेय के वेतन विसंगति का मामला काफी समय से पेंडिंग है. दरोगा ने वेतन सुधार के लिए पुलिस आयुक्त के प्रधान लिपिक कार्यालय में अर्जी लगाई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह हाईकोर्ट चले गए. वहां फैसला उनके पक्ष में आया. इसके बाद भी कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने उनकी फाइल पर कोई काम नहीं किया. निराश होकर दरोगा हाईकोर्ट की अवमानना (कंटेंप्ट) याचिका दायर करने की तैयारी में थे. इसी दौरान पुलिस कमिश्नरेट के प्रधान लिपिक कार्यालय में सीआरके-द्वितीय (चरित्र पंजिका लिपिक) के सहायक महफूज अहमद ने उन्हें कहा कि बिना चढ़ावे के उनका काम नहीं होगा.
ऐसे हुई गिरफ्तारी
आरोपी ने सीधे तौर पर दरोगा से 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी. इसके जवाब में दरोगा ने कहा कि वह हाईकोर्ट में वकीलों को मोटी फीस दे चुके हैं, यदि इस लिपिक को रिश्वत ही खाना था पहले कहता. अब वह किसी हाल में पैसा नहीं देंगे. ऐसे में आरोपी लिपिक महफूज ने फाइल रोक ली. परेशान होकर दरोगा ने 29 अक्टूबर को पुलिस आयुक्त कार्यालय स्थित एंटी करप्शन थाने में शिकायत दी. इसके बाद टीम ने जाल बिछाया और आरोपी लिपिक को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.