हत्यारोपी की कार में राहुल गांधी! क्यों विवादों में आई फतेहपुर यात्रा? कांग्रेस पार्टी ने दिया ये जवाब
राहुल गांधी की फतेहपुर यात्रा विवादों में घिर गई है. आरोप है कि उन्होंने इस यात्रा में हत्यारोपी वीरेंद्र पाल की कार का इस्तेमाल किया. इस कार में राहुल गांधी की तस्वीरें सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है. इस संबंध में कांग्रेस पार्टी ने सफाई दी है. कहा कि गाड़ी ट्रैवल एजेंसी से बुक की गई थी और उन्हें मालिक की जानकारी नहीं थी.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मृतक हरिओम वाल्मीकि के परिवार से मिलने गए राहुल गांधी की यह यात्रा विवादों में आ गई है. आरोप है कि राहुल गांधी ने कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट से फतेहपुर तक जिस कार में यात्रा की, वह कानपुर में पिंटू सेंगर हत्याकांड के आरोपी वीरेंद्र पाल की है. सोशल मीडिया पर यह खबर शुक्रवार की शाम तेजी से वायरल हुई. इसके बाद कांग्रेस पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. कांग्रेस जिलाध्यक्ष का कहना है कि राहुल गांधी की इस यात्रा के लिए ट्रैवेल एजेंसी से गाड़ी बुक की गई थी. यदि ऐसा कुछ हुआ है तो इसके लिए एजेंसी जिम्मेदार है.
बता दें कि रायबरेली में अपने ससुराल जा रहे हरिओम को पिछले दिनों कुछ लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला था. आरोप है कि उस समय हरिओम ने राहुल गांधी का नाम लिया तो आरोपियों ने कहा था कि वह ‘बाबा’ के लोग हैं. जब यह मुद्दा सुर्खियों में आया तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष को हरिओम के घर भेजा और अब खुद भी पहुंच कर परिवार को पूरी मदद का भरोसा दिया है. फतेहपुर जाने के लिए राहुल गांधी दिल्ली से हवाई मार्ग से कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पहुंचे. वहां से उन्होंने कार से आगे का सफर किया था.
कांग्रेस पार्टी ने दी सफाई
सोशल मीडिया में यह खबर वायरल होने के बाद कानपुर के ग्रामीण कांग्रेस जिलाध्यक्ष संदीप शुक्ला ने सफाई दी. उन्होंने राहुल गांधी को इस यात्रा के लिए ट्रैवेल एजेंसी से इनोवा क्रिस्टा कार हॉयर की गई थी. एजेंसी ने उन्हें यह गाड़ी उपलब्ध कराई तो सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी जांच भी की थी. जब एजेंसियां पूरी तरह आश्वस्त हो गईं कि इस गाड़ी में राहुल गांधी को कोई खतरा नहीं है तो इसमें राहुल गांधी को बैठाया गया. अब यह “गाड़ी किसकी थी, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. यह हो सकता है कि पार्टी को बदनाम करने की साजिश के तहत किसी अपराधी की गाड़ी ट्रैवेल एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराई गई हो.”
इस लिए उठे सवाल
सोशल मीडिया में वायरल गाड़ी वीरेंद्र पाल नामक व्यक्ति की बताई जा रही है. वीरेंद्र पाल 20 जून 2020 को चकेरी की जेके कॉलोनी में पिंटू सेंगर हत्याकांड में मुख्य आरोप है. वीरेंद्र पाल पिंटू सेंगर के रियल एस्टेट कारोबार में साझेदार था. पिंटू के भाई धर्मेंद्र सेंगर उर्फ पप्पू ने पुलिस को दिए शिकायत में बताया कि पिंटू की हत्या के लिए वीरेंद्र ने 43 लाख रुपये की सुपारी दी थी. इस शिकायत के बाद पुलिस ने वीरेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन डेढ़ साल बाद वह जमानत पर बाहर आ गया था. सोशल मीडिया में जिस गाड़ी में राहुल गांधी बैठे नजर आ रहे हैं, बताया जा रह है कि वह गाड़ी वीरेंद्र पाल के नाम रजिस्टर्ड है.