लखनऊ में 170 भेड़ों की मौत, 200 बीमार; राष्ट्र प्रेरणा स्थल पर फेंका खाना था खाया

लखनऊ में एक साथ 170 से अधिक भेड़ों की मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक बीमार बताए जा रहे हैं. आरोप है कि भेड़ों की फूड पॉइजनिंग से मौत हुई है. राष्ट्र प्रेरणा स्थल के कार्यक्रम के बाद फेंका गया सड़ा खाना खाने से ये भेड़ें मरी हैं. NGO इसे नगर निगम और प्रशासनिक लापरवाही करार दे रहे हैं.

राष्ट्र प्रेरणा स्थल के पास 170 भेड़ों की मौत

जहां एक तरफ 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में भव्य ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का उद्घाटन किया और राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा दी. वहीं ठीक उसी के पास प्रशासनिक लापरवाही ने दर्जनों गरीब चरवाहों की जिंदगी तबाह कर दी. उद्घाटन कार्यक्रम के बाद पार्किंग और आसपास फेंके गए बचे-सड़े खाने को खाकर 170 से ज्यादा भेड़ें तड़प-तड़पकर मर गईं.

वहीं, 200 से अधिक भेड़ों की हालत अभी भी नाजुक है, वे उठ नहीं पा रही हैं. यह दिल दहला देने वाली घटना राष्ट्र प्रेरणा स्थल के पास वसंत कुंज इलाके में हुई, जहां कार्यक्रम के बाद सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई. गरीब चरवाहों की जिंदगी भर की पूंजी उजड़ गई है. इसे प्रशासनिक लापरवाही लापरवाही करार देते हुए मुआवजे और न्याय की मांग कर रहे हैं.

भेड़ें चिल्लाने लगीं, पेट फूला और बेहोश होकर मौत

25 दिसंबर को राष्ट्र प्रेरणा स्थल का भव्य उद्घाटन हुआ था. कार्यक्रम में हजारों लोग आए, लंच बॉक्स बांटे गए. लेकिन कार्यक्रम खत्म होने के बाद बचा हुआ खाना और कचरा यूं ही पार्किंग स्थल पर फेंक दिया गया, सफाई नहीं हुई. आसपास चरने आई भेड़ों ने यह सड़ा हुआ खाना खा लिया. रात में ही भेड़ें चिल्लाने लगीं, पेट फूलने लगा और बेहोश होकर मरने लगी.

फतेहपुर के चार चरवाहों की पूंजी उजड़ गई

सोमवार सुबह तक 170 भेड़ों के शव बिखरे पड़े थे, उनके शरीर अकड़ चुके थे. ये सभी भेड़ें फतेहपुर जिले के चार चरवाहों प्रदीप कुमार, विजय पाल, अजय पाल और शिवरतन की थी. वे कुछ दिन पहले लखनऊ के आसपास चराई के लिए आए थे. प्रदीप कुमार रोते हुए बोले, “हमारी जिंदगी भर की जमा-पूंजी चली गई. अब जिंदगी सिर्फ जहर खाने लायक बची है.

मुख्यमंत्री से जांच और मुआवजा दिलवाने की मांग

चरवाहा प्रदीप कुमार ने रोते हुए बताया कि विदेश गए भाई ने पैसे भेजे थे, उन्हें लगाकर ये भेड़ें खरीदी थी. उन्होंने मुख्यमंत्री से घटना की जांच करने और मुआवजा दिलवाने की मांग की है. अन्य चरवाहों ने भी देसी दवाएं खिलाने की कोशिश की, लेकिन कुछ नहीं हुआ. सूचना पर पुलिस और पशु चिकित्सा टीम पहुंची, डॉक्टरों की टीम ने मौका मुआयना किया.

यह फूड पॉइजनिंग का मामला लगता है- डॉक्टर

पशु चिकित्सा अधिकारी आरपी सचान ने कहा, ‘यह फूड पॉइजनिंग का मामला लगता है. सड़ा या ज्यादा खाना खाने से पशुओं में ब्लोटिंग होती है. पेट फूल जाता है, सांस लेने में दिक्कत होती है और मौत हो जाती है.’ टीम अभी बीमार भेड़ों का इलाज कर रही है, उन्हें बचाने की कोशिश जारी है. वहीं, हेल्पिंग हैंड NGO ने इसको लेकर  लापरवाही का आरोप लगाया है.