RSS का फंडिंग पैटर्न क्या है? लखनऊ के गीता उत्सव में CM योगी ने बताया

लखनऊ में 'दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव’ का आयोजन हुआ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 'फंडिंग पैटर्न' पर स्पष्टता दी. सीएम ने बताया- RSS सेवा को सौदेबाजी से अलग रखते हुए 'राष्ट्र प्रथम' भाव के साथ हर पीड़ित की मदद करता है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में रविवार को ‘दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव’ का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में RSS प्रमुख मोहन भागवत और विशिष्ट अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए. कार्यक्रम का मकसद लोगों को गीता के अनुसार जीवन जीने की प्रेरणा देना रहा.

सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे यहां धर्म कभी सिर्फ उपासना की विधि नहीं रहा, धर्म तो जीवन जीने की कला है और गीता इसी कला की सबसे उत्कृष्ट शिक्षिका है. सीएम योगी ने बताया कि दुनियाभर से विभिन्न देशों के एंबेसडर आते हैं और वे हम लोगों से पूछते हैं संघ का फंडिंग पैटर्न क्या है?

‘समाज के सहयोग से संगठन खड़ा हो रहा है’

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी शताब्दी महोत्सव के कार्यक्रम से जुड़ रहा है. दुनिया के लिए कौतूहल औऱ आश्चर्य का विषय है. दुनियाभर से विभिन्न देशों के एंबेसडर आते हैं और वे हम लोगों से पूछते हैं क्या आप लोगों का संघ से जुड़ाव है. हम लोग कहते हैं हां, हम लोगों ने स्वयंसेवक के रूप में कार्य़ किया है.

सीएम ने बताया- वे पूछते हैं कि, इसका फंडिंग पैटर्न क्या है? हमने कहा फंडिंग पैटर्न नहीं है. आपके देश संघ को पैसा नहीं देते हैं. यहां कोई इंटरनेशनल चर्च पैसा नहीं देता है. यहां समाज के सहयोग से संगठन खड़ा हो रहा है. संगठन, समाज के प्रति अपने आपको समर्पित करते हुए हर एक क्षेत्र में कार्य करता है.

हम सेवा को किसी सौदे के साथ नहीं जोड़ते- CM

मुख्यमंत्री ने बताया कि कोई भी पीड़ित आएगा उसकी सेवा अपना कर्तव्य मानकर एक-एक स्वयंसेवक करता है. बिना यह परवाह किए कि किस जाति, मत, मजहब, क्षेत्र, भाषा का है, उसकी सेवा करनी है. उसके साथ खड़ा होना है. यह कर्तव्य मानकर सेवा को किसी सौदे के साथ नहीं जोड़ते हैं.

उन्होंने आगे बताया, ‘RSS की यही शिक्षा है कि राष्ट्र प्रथम भाव के साथ राष्ट्र के अन्दर हर उस पीड़ित की मदद करना है जो भारत को परम वैभव तक ले जाने में सहायक हो सकता है. उसके साथ खड़ा होना ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा है, जिसने सेवा के साथ पिछले 100 वर्षों में कोई सौदेबाजी नहीं की.

प्रतिदिन केवल 2 श्लोक भी याद किए जाएं- RSS चीफ

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस दौरान युवा पीढ़ी से आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘गीता में 700 श्लोक हैं. यदि प्रतिदिन केवल दो श्लोक भी याद किए जाएं और उनके अर्थ को जीवन में उतारा जाए, तो एक साल में पूरा जीवन गीतामय हो जाएगा.’ उन्होंने यह भी कहा कि धर्म का पालन करने वाला हजारों साल तक जीता है.