लखनऊ बना भारत का नया मिसाइल पावर, 18 अक्टूबर को लॉन्च होगी ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप

लखनऊ अब नए मिसाइल पावर तौर पर जाना जाएगा. यहां पर बन रहे ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली 18 अक्टूबर को लॉन्च की जाएगी, जिससे प्रदेश रक्षा निर्माण का प्रमुख केंद्र भी बन जाएगा.

ब्रह्मोस मिसाइल

भारत की सामरिक ताकत को नई मजबूती देने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए पूरी तरह तैयार है. भारत-रूस के संयुक्त रक्षा उपक्रम के तहत भटगांव में बने इन मिसाइलों की पहली खेप 18 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ लॉन्च की जाएगी. यह आयोजन न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश को वैश्विक रक्षा निर्माण का प्रमुख केंद्र भी बना देगा.

ब्रह्मोस संयंत्र लखनऊ की नई रक्षा धरोहर

लखनऊ के सरोजनी नगर तहसील के भटगांव में 300 करोड़ रुपये की लागत से 80 एकड़ क्षेत्र में विकसित ब्रह्मोस मिसाइल संयंत्र ने रक्षा उद्योग में एक नया अध्याय जोड़ा है. 26 दिसंबर 2021 को शिलान्यास के बाद मात्र साढ़े तीन वर्षों में यह संयंत्र उत्पादन के लिए शुरू हो गया. 11 मई 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका उद्घाटन किया था. इस इकाई में प्रतिवर्ष 80 से 100 मिसाइलें बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे आगे बढ़ाकर 150 तक ले जाया जाएगा. इसके साथ ही, डीआरडीओ द्वारा संयंत्र के निकट रणनीतिक सामग्री प्रौद्योगिकी परिसर (एसएमटीसी) की स्थापना भी हो रही है, जो उन्नत रक्षा अनुसंधान को गति देगी.

उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे का उभरता सितारा

उत्तर प्रदेश की रक्षा औद्योगिक गलियारा परियोजना तेजी से फल-फूल रही है. लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, चित्रकूट और झांसी में छह नोड स्थापित किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण को अब तक 28,809 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं. 47 कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है, और अडाणी डिफेंस सिस्टम सहित सात प्रमुख कंपनियां कानपुर, अलीगढ़ व लखनऊ में रक्षा उपकरणों का उत्पादन शुरू कर चुकी हैं. गोला-बारूद के बाद ब्रह्मोस जैसी उन्नत मिसाइलों का निर्माण उत्तर प्रदेश को रक्षा क्षेत्र का नया हब बना रहा है.

हवाई शक्ति कई गुना होगी मजबूत

अगले वर्ष से लखनऊ में ही ब्रह्मोस की अगली पीढ़ी का निर्माण शुरू होगा. इसका वजन 2,900 किलोग्राम से घटाकर 1,290 किलोग्राम किया जाएगा, जिससे सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों में एक के बजाय तीन मिसाइलें लोड हो सकेंगी. यह बदलाव भारत की हवाई शक्ति को कई गुना मजबूत करेगा.

18 अक्टूबर को भव्य लॉन्च समारोह

औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने बताया कि 18 अक्टूबर को भटगांव संयंत्र में होने वाले लॉन्च कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि होंगे. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक सहित अन्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी शिरकत करेंगे. यह समारोह उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का क्षण साबित होगा, जो राज्य की रक्षा क्षमता को राष्ट्रीय स्तर पर चमकाएगा.

आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव

लखनऊ में ब्रह्मोस का निर्माण भारत को रक्षा आयात पर निर्भरता से मुक्त करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. यह परियोजना न केवल सामरिक सुरक्षा को सशक्त करेगी, बल्कि हजारों रोजगार सृजन के साथ औद्योगिक विकास को भी प्रोत्साहित करेगी.

भारत-रूस मित्रता का प्रतीक यह योजना

18 अक्टूबर का लॉन्च भारत-रूस मित्रता का प्रतीक बनेगा और सीमाओं पर सतर्क दुश्मनों को स्पष्ट संदेश देगा कि भारत अब पूरी तरह सजग और शक्तिशाली है.लखनऊ, जो कभी नवाबी ठाठ-बाट का प्रतीक था, आज रक्षा प्रौद्योगिकी का नया गढ़ बन चुका है.