लखनऊ की बेटी ने अमेरिका में लहराया परचम, बनी रेडमंड सिटी काउंसिल की मेंबर
लखनऊ की मेनका सोनी ने अमेरिका में इतिहास रचा है. मेनका सोनी रेडमंड की सिटी काउंसिल में सदस्य बनी हैं. वह इस प्रभावशाली टेक शहर की पहली भारतीय-अमेरिकी महिला काउंसिलर हैं. उन्होंने भारतीय पोशाक पहनी और हाथ में श्रीमद्भगवद गीता लेकर शपथ ली हैं. लखनऊ आने पर उनका भव्य स्वागत किया गया.
अमेरिका में भारतीय मूल की महिलाओं का परचम लहराने वाली मेनका सोनी लखनऊ की रहने वाली हैं. वह रेडमंड की सिटी काउंसिल में सदस्य बनी हैं. उन्होंने रेडमंड जैसे दुनिया के शीर्ष टेक शहर में बड़ी जीत दर्ज की है. सरोजनीनगर के हिंद नगर में पली-बढ़ी मेनका ने 2 दिसंबर 2025 को भारतीय परंपरा निभाते हुए श्रीमद्भगवद गीता हाथ में लेकर शपथ ली.
रेडमंड, जहां माइक्रोसॉफ्ट का वैश्विक मुख्यालय स्थित है, अमेरिका के सबसे प्रभावशाली टेक शहरों में गिना जाता है. ऐसे शहर की सिटी काउंसिल में चुनी जाने वाली वह पहली प्रवासी भारतीय-अमेरिकी महिला बनी हैं. मेनका सोनी की जीत को उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय समुदाय की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.
भारत के काउंसल जनरल ने किया सम्मानित
मेनका सोनी ने अमेरिका में पिछले 30 सालों तक माइक्रोसॉफ्ट, स्टारबक्स, जनरल मोटर्स और टी-मोबाइल जैसी दिग्गज कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. वहीं, पिछले 14 सालों से वह एक नॉन-प्रॉफिट संस्था से जुड़कर महिलाओं के सशक्तीकरण, घरेलू हिंसा पीड़ितों, बेघर लोगों और मानसिक स्वास्थ्य पर काम कर रही हैं.

रेडमंड सिटी काउंसिल चुनाव में मेनका सोनी ने एक 8 वर्षीय अनुभवी काउंसिल मेंबर और एक बड़े फंड वाले प्रतिद्वंदी को कड़ी टक्कर देकर जीत हासिल की हैं. चुनाव क्षेत्र में यह मुकाबला लगातार चर्चा में भी रहा. उनकी जीत के बाद सिएटल में भारत के काउंसल जनरल प्रकाश गुप्ता ने उन्हें इस उपलब्धी के लिए सम्मानित किया.
भारतीय परंपराएं मेरी पहचान हैं- मेनका सोनी
मेनका सोनी को इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है. उन्हें यूएस कांग्रेस का ’20 इंफ्लुएंशल वीमेन’ अवॉर्ड भी मिल चुका है. इसके अलावा, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड 2024 भी मेनका को मिला है. गुरुवार रात वह पहली बार अपने लखनऊ स्थित घर पहुंचीं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया.

शपथ ग्रहण समारोह पर मेनका सोनी ने कहा, ‘भारतीय परंपराएं मेरी पहचान हैं. मैंने भारतीय पोशाक पहनी और हाथ में श्रीमद्भगवद गीता लेकर शपथ ली. सिटी हॉल में भारतीय समुदाय की भारी भीड़ थी, समारोह उत्सव जैसा बन गया। हम विदेश में रहते हुए भी होली-दीपावली जैसे त्योहार हजारों लोगों के साथ मनाते हैं.’
मेनका के मैंबर बनने से भारतीय महिलाओं में उम्मीद
रेडमंड में बड़ी संख्या में भारतीय महिलाएं रहती हैं, जिनमें से कई डिपेंडेंट वीजा पर अमेरिका जाती हैं. बच्चों को नागरिकता मिल जाती है, लेकिन महिलाओं को नहीं. पति से मनमुटाव होने पर वे बेहद असुरक्षित हो जाती हैं. मेनका सोनी ने घोषणा की कि, ऐसी महिलाओं को कानूनी सहायता, सुरक्षा और मजबूती दिलाने पर प्राथमिकता से काम करूंगी.
मेनका सोनी अपनी संस्था एमपावरिंग के माध्यम से अब तक 5 लाख से अधिक लोगों की सहायता कर चुकी हैं. उनका कहना है कि अब भारतीय समुदाय रेडमंड की नीतियों, विकास और सामाजिक संरचना में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए और सशक्त होकर आगे आएगा.
