कम पैसे में पूरा नशा, नेपाल-बांग्लादेश तक फैला नेटवर्क; नशेड़ियों के लिए शराब का विकल्प बना रहा कफ सिरफ
लखनऊ में कोडिन युक्त कफ सिरप की तस्करी का बड़ा खुलासा हुआ है. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग का दावा है कि लखनऊ में पकड़ी गई खेप एक बड़े अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क का छोटा हिस्सा है. जबकि इससे बड़ी खेप नेपाल और बांग्लादेश में भेजी गई है. अर्पिक फार्मास्यूटिकल और ईधिका लाइफसाइंसेज जैसी लखनऊ की फर्मों ने फर्जी बिलों का उपयोग कर कोडिन सिरप की आपूर्ति की. मामले में कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ नई FIR दर्ज की गई है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पकड़ी गई प्रतिबंधित कफ सिरप को लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग के साथ पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस का दावा है कि लखनऊ में पकड़ी गई कफ सिरफ की खेप तो पूरे कंसाइनमेंट का एक छोटा हिस्सा है. इससे कहीं बड़ी खेप गोरखपुर और बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों के रास्ते नेपाल और बांग्लादेश भेजी गई है. इस संबंध में पुख्ता इनपुट मिलने के बाद पुलिस ने कफ सिरफ बनाने वाली कंपनी के निदेशकों के खिलाफ फ्रेश एफआईआर दर्ज कराई गई है.
इस इनपुट के सामने आने के बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की टीम ने पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर जांच शुरू कर दी है. अब तक की जांच में पता चला है कि लखनऊ की फर्म अर्पिक फार्मासियूटिकल और ईधिका लाइफसाइंसेज से कोडीन युक्त सिरफ की खेप अलग अलग स्थानों पर भेजी गई. इसके लिए इन कंपनियों ने फर्जी बिल बाउचर बनाए. यही नहीं, जिन फर्मों को यहां से कफ सिरफ की खेप भेजी गई है, जांच के दौरान उनका कोई अस्तित्व ही नहीं मिला है. इस खुलासे के बाद विभाग ने कंपनियों को नोटिस जारी किया था, लेकिन किसी भी कंपनी की ओर से अब तक संतोषजनक जवाब नहीं मिले हैं.
सड़क मार्ग से भेजा गया कंसाइनमेंट
मामले की जांच के दौरान पता चला है कि इन कंपनियों से विभिन्न फर्मों के नाम अवैध बिल बाउचर बनाकर पूरे कंसाइनमेंट को सड़क मार्ग से रवाना किया गया. यह कंसाइनमेंट विभिनन नाकों से होकर गुजरा, लेकिन असली की तरह नजर आने वाले बिल बाउचर को देखकर किसी ने इन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. इसके बाद बड़े आराम से इस कंसाइनमेंट का बड़ा हिस्सा गोरखपुर के रास्ते नेपाल चला गया. इसी प्रकार एक और बड़ा हिस्सा बिहार के रास्ते भी नेपाल भेजा गया. वहीं पश्चिम बंगाल और बिहार के रास्ते एक बड़ी खेप बांग्लादेश भी भेजी गई है.
फर्जी बिलों की हुई पुष्टि
इस कंसाइनमेंट के फर्जी बिलों की पुष्टि अधिकारियों ने भी कर दी है. लखनऊ मंडल से सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार के मुताबिक लखनऊ की दोनों फर्मों के दस्तावेजों की जांच की गई है. इसमें पता चला है कि दोनों फर्मों ने फर्जी बिलों से ऐसी फर्मों के पते पर कंसाइनमेंट भेजा, जो पूरी तरह काल्पनिक हैं. इन सभी फर्मों को कोडीनयुक्त सिरफ की सप्लाई दी गई और इसके एवज में मोटी रकम का ट्रांजेक्शन हुआ. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह साफ हो गया है कि इस सिरफ का इस्तेमाल नशे के लिए किया जाना है और इसकी तस्करी एक संगठित गिरोह के जरिए हो रही है.
