LDA ने किया ड्रोन का गजब इस्तेमाल, पकड़ लिए 3,232 अवैध निर्माण, एक्शन शुरू

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ड्रोन का ऐसा गजब इस्तेमाल शुरू किया है अब कोई अवैध निर्माण नहीं करा पाएगा. प्राधिकरण की तरफ से 352 गांवों का सर्वे कराया गया है. इस दौरान जहां पर अवैध निर्माण देखे गए उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

अवैध निर्माण के खिलाफ एलडीए का एक्शन

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने अवैध निर्माणों पर नकेल कसने के लिए ड्रोन तकनीक का सहारा लिया है. पिछले छह महीनों में ड्रोन सर्वे के जरिए प्राधिकरण ने अपने दायरे में आने वाले 352 गांवों में 3,232 अवैध निर्माणों को चिह्नित किया है. इनमें से 470 निर्माणों को ध्वस्त कर दिया गया है, जबकि 830 को सील किया गया है. यह कार्रवाई उन बिल्डरों और इंजीनियरों के खिलाफ भी सख्त संदेश है, जो सांठगांठ कर अवैध निर्माणों को छिपाने का प्रयास करते हैं.

ड्रोन से खुली इंजीनियरों की पोल

एलडीए उपाध्यक्ष (वीसी) प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्राधिकरण के अंतर्गत 352 गांवों में ड्रोन सर्वे शुरू किया गया है, जिसमें से 181 गांवों का सर्वे पूरा हो चुका है. इस सर्वे में अवैध कॉलोनियों, कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स और बहुमंजिला इमारतें पकड़ी गई हैं. सर्वे के बाद संबंधित इलाके के इंजीनियरों से भी रिपोर्ट मांगी जाती है, ताकि यह पता चल सके कि उन्होंने अवैध निर्माण की जानकारी छिपाई थी या नहीं. ड्रोन की मदद से अब ऐसी गड़बड़ियां पकड़ना आसान हो गया है.

आवासीय जमीन पर अवैध कॉमर्शियल निर्माण पर सख्ती

एलडीए वीसी ने स्पष्ट किया कि नई नीति के तहत आवासीय जमीन पर पूरी तरह कॉमर्शियल निर्माण की अनुमति नहीं है. केवल एक सीमित दायरे में ही व्यावसायिक निर्माण वैध होगा. अलीगंज के सेक्टर के, आई, जे, संगम चौराहा, केंद्रीय भवन और चंद्रलोक कॉलोनी, मंदिर मार्ग, महानगर जैसे क्षेत्रों में आवासीय जमीन पर अवैध व्यावसायिक निर्माण की शिकायतें मिली हैं. इनकी जांच शुरू हो गई है और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

अवैध निर्माण को वैध करने का मौका

एलडीए ने नई भवन निर्माण उपविधि में कुछ अवैध निर्माणों को तय सीमा तक वैध करने का प्रावधान किया है. इसके लिए निर्माणकर्ता को शमन मानचित्र पास कराना होगा और निर्धारित शुल्क जमा करना होगा. जो लोग यह प्रक्रिया पूरी नहीं करेंगे, उनके निर्माण ध्वस्त किए जाएंगे. इस साल शमन मानचित्र से 42 करोड़ रुपये का शुल्क जमा हुआ है, और मार्च 2026 तक 300 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य रखा गया है.सख्ती के साथ राहत की नीतिएलडीए की इस दोहरी रणनीति, सख्ती और वैधीकरण से अवैध निर्माण पर लगाम लगाने के साथ-साथ उन लोगों को राहत दी जा रही है, जो नियमों का पालन करने को तैयार हैं. ड्रोन सर्वे ने न केवल अवैध निर्माणों को उजागर किया है, बल्कि प्राधिकरण के कामकाज में पारदर्शिता भी लाई है.