विदेशी फंडिंग, PAK कनेक्शन… हकीम सलाउद्दीन के क्या थे इरादे? घर में मिला पिस्टल-AK 47 समेत हथियारों का जखीरा

लखनऊ में एक हकीम के घर से दवाइयां नहीं, 300 से ज़्यादा देशी-विदेशी हथियार बरामद हुए हैं. पुलिस को शक है कि हकीम सलाउद्दीन को पाकिस्तान से फंडिंग हो रही थी. इस फंडिंग के दम पर उसने अपने घर में ही अवैध हथियारों का कारखाना बना रखा था. फिलहाल पुलिस ने हकीम और उसके परिवार के सदस्यों को अरेस्ट कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

हकीम के घर दबिश देने पहुंची लखनऊ पुलिस

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवैध हथियारों के गोडाउन मिलने के बाद पुलिस के होश उड़े हुए हैं. इस गोडाउन में 300 से अधिक देशी विदेशी और बने अधबने हथियार मिले हैं. इनमें लंबी दूरी तक मार करने वाले रायफल ज्यादा है. यह गोडाउन लखनऊ के मलिहाबाद में रहने वाले एक हकीम सलाउद्दीन का है. छह साल पहले तक यह हकीम मुफलिसी के दौर से गुजर रहा था, और दवाओं की पुड़िया बेच कर गुजारा करता था. लेकिन आज इसके पास भव्य कोठी है, दो बेटियों में से एक नार्वे में पढ़ाई कर रही है तो दूसरी लखनऊ की ही इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही है.

पुलिस को आशंका है कि हकीम को विदेश से फंडिंग हो रही थी. उसके पास हवाला के जरिए पैसे आ रहे हैं. उसके मोबाइल में पाकिस्तान के कुछ संदिग्ध नंबर मिले हैं. वहीं उसके गोडाउन में यह सारे हथियार किसी मिशन के तहत लाए गए है या बनाए गए हैं. इस इनपुट के बाद मामले की जांच में लखनऊ पुलिस के साथ एसटीएफ और एटीएस भी शामिल हो गई है. फिलहाल पुलिस ने गोडाउन मालिक हकीम सलाउद्दीन को अरेस्ट कर लिया गया है. चूंकि वह पूछताछ में पुलिस को लगातार गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, इसलिए पुलिस ने उसकी बेटी और पत्नी को भी हिरासत में लिया है.

मिर्जांगज स्थित घर में बना रखी थी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री

पुलिस के मुताबिक हकीम सलाउद्दीन राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद स्थित मिर्जागंज का रहने वाला है. इसने अपने घर में ही अवैध हथियारों की फैक्ट्री बना रखी थी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसके गोडाउन में हथियार बनाने के उपकरण एवं मशीनें भी मिली हैं. बताया जा रहा है कि कुछ हथियार तो यह डिमांड के मुताबिक बाहर से मंगाता था, वहीं कई अन्य हथियार यह खुद अपनी फैक्ट्री में तैयार करता था.

6 साल पहले तक दवाखाना चलाता था सलाउद्दीन

पुलिस के मुताबिक मिर्जागंज में रहने वाला सलाउद्दीन उर्फ लाला (72) छह साल पहले तक डाकघर के पास दवाखाना चलाता था. वह दवाइयों की पुड़िया बेचकर बड़ी मुश्किल से परिवार पालता था, लेकिन बीते कुछ वर्षों में उसके पास काफी पैसा आया है. इस पैसे के दम पर उसने ना केवल बड़ा घर बनाया, बल्कि अपनी एक बेटी को विदेश भेजकर तो दूसरी को लखनऊ की ही सबसे महंगी मानी जाने वाली इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहा है. पुलिस को आशंका है कि सलाउद्दीन को हवाला के जरिए विदेशी फंडिंग हो रही है. उसके तार पाकिस्तान से भी जुड़े मिले हैं.

दिखावे के लिए था दवाखाना का बोर्ड

आरोपी के गोडाउन के बाहर दवाखाना का बोर्ड लगा था. वहीं अंदर एक कुर्सी-मेज और मरीजों के बैठने के लिए बेंच भी रखा था. हालांकि यह सबकुछ दिखावे के लिए था. पड़ोसियों के मुताबिक पांच छह साल पहले तक हकीम सलाउद्दीन के पास काफी लोग दवा लेने के लिए आते थे, लेकिन अब यहां कोई इक्का दुक्का ही मरीज आता है. आरोप है कि यहां आने वाले ज्यादातर मरीज झुग्गी झोंपड़ी या दबे कुचले लोग होते थे. हालांकि पिछले कुछ समय से इसके पास लोग बड़ी बड़ी गाड़ियों में भी आने लगे थे.

एक महीने से रडार पर था सलाउद्दीन

लखनऊ पुलिस के मुताबिक सलाउद्दीन के हथियार फैक्ट्री की जानकारी पिछले महीने ही मिली थी. उसी समय से पुलिस इसके घर पर लगातार निगरानी कर रही थी. वहीं पुख्ता इनपुट मिलने के बाद अब उसके घर तीन थानों की फोर्स ने दबिश दी है. इस दौरान उसके गोडाउन से 300 से अधिक 312, 315 बोर के रायफल और डबल बैरन गन के अलावा भारी मात्रा में कारतूस मिले हैं. पुलिस ने हथियारों का यह जखीरा 20 से अधिक बोरों में भरकर सीज किया है.

कई जिलों में नेटवर्क

लखनऊ पुलिस के मुताबिक सलाउद्दीन का नेटवर्क राजधानी से बाहर कई जिलों में फैला था. वह ऑन डिमांड हथियारों की सप्लाई करता था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ हथियार तो यह खुद अपनी फैक्ट्री में बनाता था, वहीं कई आधुनिक हथियार वह विदेशों से मंगवाकर भी सप्लाई करता था. आशंका है कि यूपी के अलावा सलाउद्दीन के संपर्क में दिल्ली एनसीआर और हरियाणा राजस्थान के गैंगस्टर भी थे. अब पुलिस सलाउद्दीन की कॉल हिस्ट्री के जरिए इन गैंगस्टर्स तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.