बालमैत्रिक फर्नीचर, रंग-बिरंगे क्लास और वंडर बॉक्स… योगी सरकार की बाल वाटिकाओं में क्या है खास

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत यूपी में 5 हजार से भी ज्यादा स्कूलों में बालवाटिकाओं की शुरुआत होने जा रही है. छोटे बच्चों के लिए तैयार की गई इन बालवाटिकाओं में खेल- खेल में बच्चों को भरपूर सीखने को मिलने वाला है. इन स्कूलों को कई आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. आखिर इन पाठशालाओं के जरिए बच्चों को कैसे फायदा होने वाला है और इनमें क्या है खास. आपको बताते हैं.

बाल वाटिका

न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत यूपी के सरकारी स्कूलों में बालवाटिकाओं का निर्माण किया गया हैं. इनका मकसद बच्चों को क्लास 1st में पहुंचने से पहले ही खेल- खेल में सिखाना और शिक्षा को लेकर उनकी रुचि को विकसित करना है. प्रदेशभर में अब तक 5 हजार से अधिक बालवाटिकाएं बनकर तैयार है. इनको चलाने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग की है. विभाग 3 से 6 साल तक के बच्चों में पढ़ाई- लिखाई के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ाने के लिए इन पाठशालाओं में अनेक ऐसी चीजे ऐड की हैं, जिससे बच्चों की अधिगम क्षमता पर सकारात्मक असर पड़े.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने ये बताया

सरकार की इस पहल के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से आसपास के आंगनबाड़ी केंद्रों को भी इन विद्यालयों में ही स्थानांतरित कर दिया गया है. इसके साथ ही इन्हें आधुनिक सुविधाओं से भी लैस किया गया है. यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि बालवाटिकाओं के माध्यम से हम बच्चों के भविष्य की नींव को मजबूत करने का काम कर रहे हैं.

कुछ ऐसी दिखती हैं बालवाटिकाएं

इनमें पोषण, सुरक्षित वातावरण और खेल के जरिए बच्चों को सिखाना हमारी प्राथमिकता है. ताकि हर बच्चा क्लास 1st में प्रवेश से पहले मानसिक रूप से तैयार हो सके.

ये होगीं सुविधाएं

इन बालवाटिकाओं में बच्चों के लिए बालमैत्रिक फर्नीचर, आउटडोर खेल सामग्री, रंग-बिरंगे क्लास रूम्स, लर्निंग कॉर्नर और बाला फीचर जैसी आकर्षक व्यवस्थाएं की गई हैं. साथ ही किताबें, एक्टिविटी बेस्ड वर्क के लिए वंडर बॉक्स और स्टेशनरी जैसी सभी अहम जरूरतों को मुहैया कराया जाएगा.

स्वतंत्रता दिवस पर कुछ ऐसा नजारा

15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इन बालवाटिकाओं में भव्य कार्यक्रमों की तैयारी है. स्कूल परिसरों में रंगाई-पुताई और सजावट के साथ- साथ डांस, म्यूजिक और चित्रकला जैसी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा. इसके लिए स्कूलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बच्चों के पेरेंट्स को भी बुलाया गया है. जहां बच्चे अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित कर सकेंगे.

15 अगस्त की तैयारियां करते बच्चे